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मैं चुप हूँ
मैं चुप हूँ तुम बोल लो क्यूँ खामखा बात को आगे बढ़ाया जाए, अगर मेरे चुप रहने से सब ठीक हो सकता है |तो मैं चुप हूँ हाँ जब तुम्हारा गुस्सा शांत हो जाए गा तब मैं तुम्हें सब बता दूंगी कि आखि़र ऐसा क्यूँ है |क्यूँकि की मैंने अक्सर देखा है अगर सामने वाला गुस्सा है ओर आप भी गुसे में ही जवाब दे रहे हैं तो बात बिगड़ती है |मुझे बात नहीं बिगाड़नी |हम सब को समझना चाहिए कि अगर सामने वाला गुस्सा है तो हमे शांति से जवाब देना चाहिए ओर लगे के चुप रहना चाहिए क्यूँ की बात बिगड़ती नज़र आरही है तो खामोश हो जाइए लेकिन ऐसे ना किजिये गा कि आप किसी की बात का जवाब ना दे जहाँ जरूरी हो वहां बोलिए भी ताकि सब सही रेह सके |