*तूफ़ानी रातें *
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो...
ऐसी ही तूफ़ानी रात थी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया ।मैंने पूछा कौन है।
पर कोई आवाज़ ना आई। मैं डर सा गया।
दोबारा आवाज़ लगाई कौन है ?
तो किसी की कराहने की आवाज़ आई।
फिर भी मैंने दरवाज़ा नही खोला और सोचने लगा ये रोंग है। कहीं कोई आत्मा तो नही।
इसी कश्मकश में...
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो...
ऐसी ही तूफ़ानी रात थी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया ।मैंने पूछा कौन है।
पर कोई आवाज़ ना आई। मैं डर सा गया।
दोबारा आवाज़ लगाई कौन है ?
तो किसी की कराहने की आवाज़ आई।
फिर भी मैंने दरवाज़ा नही खोला और सोचने लगा ये रोंग है। कहीं कोई आत्मा तो नही।
इसी कश्मकश में...