...

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जीस्त गुजरे......
खो कर एक दूसरे के ख्वाबों ख्याल में,
जीस्त गुजरे एक दूसरे की देखभाल में.

दुख सुख आए जाए बदले मौसम अब,
साथ साथ रहे हम, हरदम हर, हाल में.

चलो जहां की सारी रस्मों को ठुकराए,
मस्त रहे हम दोनों, अपने ही, ताल में.

एक दूसरे पर विश्वास हो बहुत ज्यादा,
दिल आए न कभी दुनिया की चाल में.

एक दूसरे में आओ ना खो जाए दोनो,
क्यू उलझे रहे हम बेकार के सवाल में.
💐🍫🌹🌸_______💐🍫🌹🌸

कितना भी हो लम्बा सफर अब मुख्तसर लगे,
तुम साथ हो तो फूलों सी ही हर रहगुजर लगे.

इसे चाहत कहो या फिर दीवानगी मेरी,
तुम्हारे अक्स में ढला हुआ हर एक मंज़र लगे.

तुम्हारे होने से बहुत कुछ है जिंदगी में,
तुम्हारा दिया हुआ इक कतरा भी समंदर लगे.

हर घड़ी, हर पल, तुम ही साथ हो मेरे,
जानें क्यों ? ऐसा ही मुझे अब तो अक्सर लगे.

बेहद खूबसूरत लगने लगे है सारे नज़ारे,
आज़ की फ़िक्र न आनेवाले कल का डर लगे.

शामों सहर बस तुम्हारे यादों का बसेरा,
हकीकत की ज़मीं, ख्वाबों से भी, बेहतर लगे.
🌸🌹💐🍫_______🌸🌹💐🍫

© एहसास ए मानसी