अपने साथ कुछ पल
कभी-कभी मेरा मन करता है कि मैं सिर्फ अपने साथ कुछ पल बिताऊं..... न तकनीकी दुनिया, न किताबें, न दोस्त, न परिवार, न खुशी, न गम, न मेरे पसंद की कोई चीज़ और नाही नापसंद की.....कुछ भी नहीं.... पूरी तरह से अपने साथ.....
गहरी शांति में...ताकि मैं खुद को पूरी तरह से सुन सकूं.. मैं अपनी सांसे सुन सकूं.... अपने दिल की धड़कन सुन सकूं ... मैं अपनी आत्मा को अपनी आंखों से के देख सकूं... अपने रोम रोम को महसूस कर सकूं ..... अपनी खूबसूरती पर पूर्ण रूप से गर्व कर सकूं.... मुझ जैसे जादू को जीवंत करने के लिए उस ईश्वर का धन्यवाद कर सकूं।
मुझे नाही कोई डर हो..नाही कोई बंधन हो और नाही कोई मेरे कार्यों के लिए मेरा मूल्यांकन करे। पूर्ण स्वतंत्रता हो.... बेइंतहा सुकून हो... मेरे चारो तरफ एक जादुई आलम हो और मैं पूरी तरह से आत्म-प्रेम और परमानंद में डूबा रहूं।
© Sarika
गहरी शांति में...ताकि मैं खुद को पूरी तरह से सुन सकूं.. मैं अपनी सांसे सुन सकूं.... अपने दिल की धड़कन सुन सकूं ... मैं अपनी आत्मा को अपनी आंखों से के देख सकूं... अपने रोम रोम को महसूस कर सकूं ..... अपनी खूबसूरती पर पूर्ण रूप से गर्व कर सकूं.... मुझ जैसे जादू को जीवंत करने के लिए उस ईश्वर का धन्यवाद कर सकूं।
मुझे नाही कोई डर हो..नाही कोई बंधन हो और नाही कोई मेरे कार्यों के लिए मेरा मूल्यांकन करे। पूर्ण स्वतंत्रता हो.... बेइंतहा सुकून हो... मेरे चारो तरफ एक जादुई आलम हो और मैं पूरी तरह से आत्म-प्रेम और परमानंद में डूबा रहूं।
© Sarika
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