सक एक बिमारी
यह कहानी है तब की जब एक रात एक बच्चे का जन्म हुआ।वह बच्चा जन्म से ही बहुत सुंदर और ताकतवर था। जब वह ५ वर्ष का था तब उसने
कई अनोखे काम किया और साथ ही उसने कई अस्त्र- शस्त्र चलाना भी सीख लिया। जब वह १४ साल का हुआ तो अपने गुरु से आशीर्वाद लेकर अपने घर की ओर चल दिया। माँ ने उसे देखते हैं गले से लगा लिया। बेटा बोला माँ अब मैं आपका ध्यानपूर्वक सेवा करूंगा और आपके चरणों में अपना सारा जीवन बीता दुंगा।माँ ने कहा नहीं बेटा मैंने तुझे अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान इसलिए नहीं दिया है कि तुम मेरे चरणों...