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BACHPAN KA VADA
CHAPTER 33

मानवी शेखर से नाराज होकर अपने घर चली जाती है ।मानवी जैसे ही रूम मैं इंटर करती है वह देखती है कि निशा रूम में हि

है ।वह निशा को देखते ही अपना आंसू पोछ कर स्माइल करते हुए अंदर जाती है लेकिन निशा मानवी को देखकर समझ जाती

है । और खुद से बोलती हैजरूर इसके साथ कुछ हुआ है अगर मैं उसे पूछूंगी तो वह मुझे नहीं बताएगी ।मुझे पूरा यकीन है यह

शेखर के कारण उदास है ।मुझे शेखर से बात करनी ही होगी। इतना बोलते ही वह शेखर के पास मैसेज कर देती है कि कल

मुझे से कैंटीन में मिलना। निशा का मैसेज देखते ही शेखर एकदम सॉफ्ट हो जाता है और बोलता है निशा ने मेरे पास मैसेज

क्यों किया है लगता है उसे हमारे बचपन की बात याद आ गई होगी और खुश होते हुए आने के लिए हां कर देता है। अगली

सुबह कॉलेज में निशा कैंटीन में बैठे हुए शेखर का इंतजार कर रही थी। तभी मानवी जाकर निशा से बोलती है तुम यहां क्या

कर रही हो।तो निशा बोलती है वह मैं शेखर का इंतजार कर रही हूं ,देखो शेखर आ गया शेखर को देखते ही मानवी शेखर को

इग्नोर करके बोलती है तुम लोग बात करो मुझे क्लास जाना है देर हो रही है इतना बोलते ही वह शहर से बिना कुछ कह चली

जाती है।मानवी को ऐसे इग्नोर करते देखकर मन में बोलता है क्या मानवी अभी तक मुझसे गुस्सा है। शेखर को खोए हुए

देखकर निशा शेखर से बोलती है कहां खो गए तो शेखर निशा की और देखते हुए बोलता है कुछ नहीं इतना कहते हुए वह बैठ

जाता है। शेखर निशा से बोलता है मुझे पता है तुम मुझसे क्या बात करना चाहती हो।तो निशा मन में बोलती है उसे कैसे पता

चला मैं मानवी के बारे में उससे बात करना चाहती हूं ।तो निशा शेखर से बोलती है तुम्हें क्या पता है ।तो शेखर बोलता है मुझे

पता है तुम्हें पहले हमारी बचपन की बात याद नहीं थी ।अब तुम्हें याद आ गया है इसलिए तुम मुझे से यहां सॉरी बोलने आई हो

ना। निशा बोलती है एक मिनट तुम मुझे गलत समझ रहे हो ।मैं यहां तुम्हारे बचपन के बारे में बात नहीं करने आई हुंऔर कौन

से बचपन की बात।कल भी तुम मुझे कुछ बचपन की बातें और वादा याद दिला रहे थे।  तो शेखर अपना पर्स से बचपन का

फोटो निकाल कर बोलता है तुम्हें फोटो तो याद होगा ना ।हम लोग दोनों ने साथ खींचाया था। तो निशा फोटो देखकर सॉफ्ट हो

जाती है और फोटो को हाथ में लेते हुए बोलती है अच्छा यहां से गलत फैमिली शुरू हुई थी ।इसे लग रहा है यह फोटो में जो

लड़की है वह मैं हूं लेकिन यह तो मानवी का फोटो है ।शेखर मुझे फोटो वाली लड़की समझ रही है। निशा शेखर को फोटो देते

हुए बोलती है तुम गलत समझ रहे हो इस फोटो में जो लड़की है वह मैं नहीं हूं कोई और है।शेखर निशा से बोलता है लेकिन

तुमने तो उसे दिन कहा था की फोटो तुम्हारी है ।तो निशा बोलती है मैं उस समय तुम्हें गलत समझ रही थी इसलिए मैंने तुमसे

झूठ बोला था ।यह फोटो में जो लड़की वह मानवी है मैं नहीं हूं ।निशा कि बात सुनकर शेखर एकदम सॉक्ट हो जाता है और

निशा को मजाक नहीं करने के लिए बोलता है ।तो निशा बोलती है मैं सच बोल रही हूं मानवी है और मानवी के पास भी ऐसी

ही फोटो है और रोज फोटो को देखकर उदास हो जाती है और इसमें जो लड़का है उससे बात करते रहती है ।मैंनै खुद उसकी

डायरी में ये फोटो देखी है और मैंने ही उसके डायरी से फोटो चुरा कर अपने पास रखी थी और तुमसे टकराई तो तुम्हें लगा कि

यह  फोटो मेरा है। निशा शेखर से बोलती है अब तुम समझ गए होंगे तुम्है क्या करना है ।तुम जिस लड़की का इंतजार करतेआ

रहे हो और प्यार करते हो वह मैं नहीं मानवी है। आई होप तुम सारी गलत फैमिली दूर कर लोगे मानवी के साथ ।अब मैं चलती

हूं ।बस में यही विश करती हूं तुम्हारे और मानवी के बीच सब चीज ठीक हो जाए। निशा इतना बोलते ही वहां से चली जाती है ।

शेखर मन में बोलता है ये मैं क्या कर दिया मैंने उसका दिल दुखा दिया जिससे मैं बहुत प्यार करता था ।फिर वह मानवी की

बात याद करने लगता है जो उसने कल कहा था। फिर खुद से बोलता हैं अब मैं मानवी से कैसे बात करूं।मानवी मुझसे बहुत

नाराज है मुझे कैसे भी मानवी से बात करने ही होगी।

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© Mahiwriter