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हम लड़के ✍🏻✍🏻✍🏻
माँ बाप की गालियां खाकर मजबूरी में इंटर पास किया है
हम लड़कों का बचपन तो कुछ ऐसे ही बाईपास किया है
जब तक माँ कुछ फेंककर न जगाये साला नींद नहीं खुलती
आलसी तो एक नंबर के हैं खुदसे एक शर्ट भी नहीं धुलती
मजाल है की पिताजी का एक दिन भी बिना गलियाये गुजरे
कभी डंडा कभी कुचरा, लतियाये गए तो कभी चप्पल उतरे
आजतक अपना खर्चा पानी घर के राशन पानी की धांधली से पूरा हुआ है
7 साल पुराना एक स्वेटर है जो घिसते घिसते लाल से भूरा हुआ है
आजतक सही नाप के कपडों ने हमारे बदन को नहीं छुआ
एक दफे होली में शिकायत की तो झन्नाटेदार कंटाप बड़ी बेअदबी से नसीब हुआ
जी हम लड़के न इज्जत और बेइज्जती में अंतर करना कभी सीख ही नहीं पाए
सादगी तो देखिये जिनसे प्रेम हुआ उनकी ही शादी की पंगत में खाना ठूस कर घर चले आये
जब बप्पा के पाँव दबाते थे तभी पिताजी से अपनी तारीफ़ सुन पाते थे
वरना दो चार बार ज्यादा बाल काढ़ लेने पर भी बापू के हाथो धुन जाते थे
गली मोहल्ले में राम चरितमानस का पाठ होते ही अपना भौकाल प्रभु हनुमान हो जाता था
माफ़ करना प्रभु रामायण नहीं पढ़ी मगर देर रात घर आने का इंतजाम हो जाता था
लड़कियों की तरह रोने के मौके हम लड़को को बाअदब नसीब नहीं होते
नाटक बहुत रहते हैं लड़को की लाइफ में लेकिन कभी बद्तमीज नहीं होते

सभी लड़को को समर्पित
© VIKSMARTY _VIKAS✍🏻✍🏻✍🏻