हम लड़के ✍🏻✍🏻✍🏻
माँ बाप की गालियां खाकर मजबूरी में इंटर पास किया है
हम लड़कों का बचपन तो कुछ ऐसे ही बाईपास किया है
जब तक माँ कुछ फेंककर न जगाये साला नींद नहीं खुलती
आलसी तो एक नंबर के हैं खुदसे एक शर्ट भी नहीं धुलती
मजाल है की पिताजी का एक दिन भी बिना गलियाये गुजरे
कभी डंडा कभी कुचरा, लतियाये गए...
हम लड़कों का बचपन तो कुछ ऐसे ही बाईपास किया है
जब तक माँ कुछ फेंककर न जगाये साला नींद नहीं खुलती
आलसी तो एक नंबर के हैं खुदसे एक शर्ट भी नहीं धुलती
मजाल है की पिताजी का एक दिन भी बिना गलियाये गुजरे
कभी डंडा कभी कुचरा, लतियाये गए...