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उम्मीद
"उम्मीद" यह शब्द दिखने में जितना छोटा है इसके कारनामें और इसका इतिहास उतना ही प्रचंड हैं। यह शब्द अपने-आप में अनंत शक्ति का खाजाना है, यही तो शब्द हैं जो मुश्किल से मुश्किल समय में भी हमें हिम्मत हारने नहीं देता, हमारी राहों में कठिनाइयों का तू‌फान ही क्यों न आजाए अगर हमने उम्मीद की डोर थाम रखी है, तो ये हमें मंजिल तक जरूर पहुँचाती है। सफलता प्राप्त करने के लिए हमें उम्मीद के साथ- साथ संयम और शहनशीलता की भी अवश्यक्ता होती है। सफलता तक पहुंचने के लिए अगर जल्दबाजी का सहारा लेते हैं, तो हमारे हाथों से उम्मीद की डोर छूट जाती है और अगर कष्टों को सह नहीं पाते तो अपने-आप हम डोर छोड़ देते हैं। इन दोनो स्थितियों में हमारा गिरना पक्का होता है और हम नउम्मीदी के अंधेरों में खो जाते हैं। लेकिन उम्मीद हमें एक मौका और देती है, अंधेरो में कहीं एक उम्मीद की किरन छिपी होती है, बस हमें उसे खोजना होता है और फिर वो एक दिन हमें हमारे उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाती है। वो हमारे क्रान्तिकारियों कि उम्मीद ही थी, जिसके कारण हम आज आजाद हिन्द में साँसे ले पा रहे हैं। वो महापुरुषों की उम्मीद ही थी जिसके कारण आज हमारा समाज सती प्रथा,भेदभाव,छुआ-छूत,नारियो और अछूतों को शिक्षा से वन्चित रखना और न जाने कितनी ही कुप्रथाओं से आजाद हो पाया है| वो एडिसन की उम्मीद ही थी जिसके कारण वे बार-बार नाकामयाब होने के बाद भी, एक दिन बल्ब का आविष्कार करने में सफल रहे| वैज्ञानिकों की उम्मीद के ही कारण आज हम अन्तरिक्ष तक भी पहुंच पाए हैं| और न जाने कितने ऐसे उदाहरण हैं, जब अपनी उम्मीद के सहारे नामुमकिन को भी मुमकिन किया |

"इसी लिए उम्मीद का साथ कभी न छोड़िए, क्योंकि उम्मीद पर ही दुनिया कायम है।"

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