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ईश्वर का डर
ईश्वर को मानने के पीछे सबसे बड़ा कारण है अज्ञानियों का डर I जिन्हें लगता है ईश्वर को नकारने की सोचने मात्र से कुछ अनहोनी हो जायेगी I

कई लोग ऐसे होते हैं जो कहीं जा रहे हों और रास्ते में मिले किसी मंदिर को प्रणाम करना भूल गए हो ओर उसी के कुछ समय बाद घर में किसी को बुखार भी आ जाये तो उन्हें लगता है रास्ते में मिले मंदिर को प्रणाम न करने की वजह से ऐसा हुआ है I

दरअसल ये डर पीढ़ी दर पीढ़ी थोपी गई है I

कुछ लोग सोचते हैं ईश्वर हैं या नहीं है हमें नहीं पता, लेकिन सभी विधि विधानों को करते हैं इसके पीछे भी डर होता है I

अक्सर गानों में, कहानियों में, या आसपास के लोगों से सुना जाता है कि ईश्वर सबकुछ करते हैं, उनकी मर्जी से सबकुछ होता है, वही सबकी रक्षा करते हैं I

लेकिन क्या ये सत्य है? मुझे नहीं लगता I यदि ऐसा है तो हत्या, लूटमार, छोटी छोटी बच्चियों का बलात्कार, धार्मिक दंगे, जातिवाद, जातिये अत्याचार आदि का जिम्मेदार कौन?

उदाहरण : एक चोर ने चोरी की, उसे कोर्ट में हाज़िर किया गया --
न्यायधीश ने पूछा "क्या तुमने चोरी की, क्या तुम अपना गुनाह कुबूल करतो हो I"

चोर बोला "मैंने चोरी की लेकिन मैंने कोई गुनाह नहीं किया, मैं गुनेहगार नहीं हूँ, मैनें वही किया जो ईश्वर चाहते हैं I सबकुछ ईश्वर की मर्जी से होता है I"

सवाल : गुनेहगार कौन है ?

© सोमनाथ यादव