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करो हिंदी का मान तभी बढ़ेगी देश की शान (हिंदी दिवस)
आज हिंदी दिवस हैं आप सभी को हिंदी दिवस की अनेक अनेक शुभकामनाएं हिंदी भाषा को अंग्रेज़ी के मुकाबले उतना सम्मान कभी भी प्राप्त नही हुआ हमारे देश मे जो व्यक्ति अंग्रेज़ी में लिख सकता अंग्रेज़ी बोल सकता हैं उसी को सबसे बड़ा ज्ञानी माना जाता हैं चाहे उसमे बुद्धि हो या फिर ना हो अंग्रेज़ी भाषा को सबसे बड़ी और उन्नति की भाषा माना जाता हैं अंग्रेज़ी बोलने वाले व्यक्ति का समाज मे एक अलग ही स्थान होता हैं एक अलग ही सम्मान होता हैं जो शायद हिंदी बोलने वाले को प्राप्त नही होता लेकिन मेरे लिहाज़ से ये बिल्कुल गलत हैं दूसरे देश जैसे जापान चीन स्पेन फ्रांस रूस ईरान इराक इज़राइल ये वो प्रमुख राष्ट्र हैं जहाँ अंग्रेज़ी नही बोली जाती हैं इन देशों में इनकी अपनी मातृभाषा हैं जैसे हमारी हिंदी हैं मगर हमारी तरह इन राष्ट्रों के लोग नही हैं इन लोगो को अपनी मातृभाषा को बोलने में पढ़ने में लिखने में बेहद गर्व की अनुभूति होती हैं यहां तक कि जब इन देशों के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री किसी अन्य राष्ट्र में जाते हैं तो भी ये लोग वहां अंग्रेज़ी में वार्तालाप नही करते हैं ये लोग वहां पर भी अपनी राष्ट्रभाषा का प्रयोग करते हैं सामने वाले व्यक्ति को इनकी भाषा को समझने के लिए ट्रांसलेटर का इस्तेमाल करना पड़ता हैं।

जब इन देशों को अपनी मातृभाषा पर इतना गर्व हैं जब ये लोग अपनी मातृभाषा का प्रचार प्रसार करते हैं तो हम हिंदुस्तानियों को इसपर गर्व क्यूँ नही होता हिंदी बोलने वाले व्यक्ति को क्यूँ छोटा और अल्पबुद्धि का समझा जाता हैं हिंदी भाषा संस्कृत से निकली हैं संस्कृत से ही इस भाषा का जन्म हुआ हैं संस्कृत हर किसी के लिए बोलना पढ़ना अथवा लिखना सरल नही हैं तो क्या हम संस्कृत से ही उदय हुई इस भाषा का इस्तेमाल नही कर सकते जरूर कर सकते हैं।

मेरा ये भी मानना हैं कि नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से हिंदी भाषा को जो उच्चित सम्मान और प्रचार प्रसार 70 वर्षो से प्राप्त नही हो रहा था वो अब धीरे धीरे प्राप्त होना शुरू हुआ हैं जब हमारे देश के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देते हैं तो ये भारत मे रहने वाले हर एक व्यक्ति के लिए गौरवान्वित करने वाला पल होता हैं लेकिन हमारे देश कुछ विपक्षी नेताओं को उसमे भी दिक्कत होती हैं उनके कहने का तात्पर्य होता हैं कि हमारे देश के प्रधानमंत्री को अंग्रेज़ी नही आती वो अनपढ़ हैं, परंतु उन लोगों को ये नहीं समझ आता कि जब हमारे देश के प्रधानमंत्री विदेश में हिंदी में बात करता हैं हिन्दी मे भाषण देता हैं तो ये हिदुस्तान के लिए कितनी गर्व की बात होती हैं।

सरकारी दफ्तरों में, अदालतों में, मंत्रालयों में भी हिंदी भाषा मे विकास एवं प्रगीति की आवश्यकता हैं इन विगत जगहों पर जितने भी दस्तावेज होते हैं वे सब 99 प्रतिशत अंग्रेज़ी में ही होते हैं सरकारी पैमाने में पर भी एक पहल चलाई जानी चाहिए कि जितना हो सके हम सब दफ्तरों में, मंत्रालयों में, एवं अदालतों में हिंदी भाषा का प्रयोग करेंगे इससे हिंदी भाषा की प्रगीति व विकास भी सुनिश्चित होगा और हिंदी बोलने वाले जिन लोगो को अंग्रेज़ी नही आती हैं उन लोगों की भी काफी हद तक हम सहायता प्राप्त करवा सकेंगे।

इसपर भारतेंदु हरिश्चंद्र की कविता बिल्कुल सटीक बैठती हैं....


निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।

जय हिंद🇮🇳

#हिंदी_दिवस #Hindi_Diwas2020

© Siddharth_Lohia