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क्या सिर्फ आरक्षण अंबेडकर के विरोध का कारण
मैं स्वतंत्र हूं ,और मेरी अभिव्यक्ति भी ,
और पहले उस बारे में बात करता हूं जो बहुत सारे लोग बोलते हैं कि,
तुम्हें आरक्षण नहीं है ना इसलिए तुम अंबेडकर के विरोध में बातें करते हो,तो नहीं वो समस्या ही नहीं है ,अगर परिस्थितियां बहुत खराब भी हुई तो मैं कोई छोटा मोटा काम करके भी गुजारा कर लूंगा,
तो फिर विरोध का कारण क्या है 🤔🤔🤔
कारण है ' हिंदू धर्म' पर की गयी टिप्पणियां
जो ' the riddles of hinduism' नाम से की गयी है ,
मुझे बस उसी से आपत्ति है ,अब भी ' जय भीम' के नाम पर अक्सर ऐसे आलेख और वीडियो पोस्ट किये जाते हैं जो हिंदू धर्म के विरोधी होते हैं,🤔🤔🤔

बौद्ध धर्म भारत में ही जन्मा है, और स्वयं बुद्ध भी ,और ये भी सौ टका सच है कि बुद्ध एक निर्मल चरित्र थे,और बुद्ध के सभी विचार अनुकरणीय है,

पर वास्तव में तो बुद्ध द्वारा दिया गया पथ निराकार में साकार को तलाशता है, जो कि ईश्वर प्राप्ति की ही निर्गुण विचारधारा है,
तो फिर बुद्ध पृथक कैसे,🤔🤔🤔

अब एक और तर्क जो लोग अक्सर बोलते हैं
कि भीमराव के साथ जो व्यवहार हुआ,उसी से आहत होकर उन्होंने हिंदू धर्म के बारे में ये विश्लेषण किया ,तो क्या हर हिंदू ने यही व्यवहार किया था,उत्तर है नहीं और यदि किसी हद तक हिंदू धर्म को तत्कालीन ब्राह्मण

वर्ग की स्थानिक रूढ़िवादिता ने ग्रस भी लिया था तो क्या उस समय पे कोई ऐसा था ही नहीं जिसने वंचितों के लिए अपनी आवाज उठाई हो 🤔🤔🤔

इतिहास में ऐसे ढ़ेरों उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होने हर तबके के पुनरुथान के लिए कार्य किया ,जाहिर सत्ता अंग्रेजो की थी तो प्रयासों में सौ प्रतिशत सफलता की बात सोची नहीं जा सकती🤔🤔🤔

तो फिर क्यों हमारे देश में 'जय भीम' के नाम पे ये theory फैलाई जा रही है कि मूल निवासी दस्यू थे,जो आज आदिवासी कहे जा रहे हैं ,
क्या आदिवासी शब्द केवल इसलिए उपयोग में आता है कि "आदिवासी वो है जो मूल निवासी हो"
या इसका अर्थ ये होता है कि " जिनके रहन सहन का तरीका अब भी प्राचीन(आदि ) है, जो वनों में रहते हैं ''🤔🤔🤔

सिंधु घाटी सभ्यता में मिली पाशुपति की मोहर क्या शिव को इंगित नहीं करती
तो हिन्दू धर्म बाह्य कैसे हुआ🤔🤔

और एक और तर्क जो लोग देते हैं कि मैं अभिव्यक्त इसलिए कर पा रहा हूं क्योंकि डॉक्टर अम्बेडकर ने मुझे ये संविधान दिया,
तभी मुझे बोलने की आजादी मिली है ,🤔🤔

नहीं पहले आजादी मिली ,फिर संविधान मिला,तो राष्ट्र पे प्राण उत्सर्ग करने वाले संविधान निर्माता से कमतर कैसे हो सकते हैं 🤔🤔🤔

खैर मैंने जो लिखा वो मेरी व्यक्तिगत शत्रुता नहीं ,केवल विचारणीय बिंदू है,

क्योंकि स्त्री के साथ बलात्कार तो पुरुष ही करते हैं ,तो क्या पूरा पुरुष समुदाय को आरोपित करना सही होगा🤔🤔🤔

तो फिर स्थानीय रूढ़िवादिता के चलते पूरे हिंदू धर्म को कटघरे में क्यों रखा गया ,
और क्या बुद्ध को श्रेष्ठ प्रमाणित करने के लिए औरों की आस्था से खिलवाड़ सही है🤔🤔🤔
© सौ₹भ mathu₹