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जन्मदिन
आज मुझे मेरे जन्मदिन बहुत सुन्दर तोहफा दिया भाई बहनों और अपनों ने मुझे मेरे जन्मदिन का प्यार भरा स्नेह आशीष दिया ख़ुशियों से मेरे जन्मदिन को आज उल्लास से भर दिया कैसे करूँ मैं शुक्रिया! अपनों ने मुझे आज बहुत सारा प्यार और मुझे मेरी ख़ुशियों का स्नेह आशीष और हमारे रिश्तों को रिश्तों से जोड़ना हमें सिखाया,, प्रेम से प्रेम का रिश्ता हमने और अपनों ने शिद्दत से निभाया!

वक्त गुजरता चला गया,
2018 में वो जुड़ा साथ।
आज मिला प्यारा साज़,
ख़ुशियों का मुझे खास।

यूँ तो तीन सौ पैंसठ दिन होते हैं, हमारे पर आज तीन सौ पैंसठ दिन में सर्वश्रेष्ठ दिन आया हैं, ख़ुशियों से दामन को मेरे भरने तुम्हारा स्नेह आशीष आया हैं,

प्रेम से जन्मदिन का आज प्रेम सा महकाया हैं,
जीवन को "हार्दिक" तेरे प्रेम सा चेहकाया हैं!
यूँ तो करता हूं तीन सौ पैंसठ दिन परेशां मैं...
पर आज सबने मुझे जन्मदिन सा खिलआया हैं!

सच बात तो यही है मेरी सारी मुश्किलें हल हो जाती हैं, प्यारी सी इस दुनिया में निराला अंदाज़ नज़र आ जाता हैं, फूलों सा महकता हैं,जीवन काँटों पर ही खिलता मुलायम हैं,तितलियों का फूलों पर रंग बिखरना जब महकाता जीवन हैं!

वृक्ष और हरियाली सा उज्ज्वल होगा जीवन अपना,
पर्यावरण की सृष्टि को अपनाओगे तुम कैसे बताना!
काट रहे पेड़ पौधे जो अपने लोग क्यूं आज इतना,
ऑक्सीजन मिलेगा तुम्हें फिर कैसे बताओ सब ना!

मैं अपने जन्मदिन का आज सबसे एक तोहफा मांग रहा हूँ आप सबसे बोलों क्या दोगे मुझे तुम सभी बतलाओ, दे पाओगे तोहफा मुझे तो ही आज एक वचन देना हैं आप सबको बोलो दोगे!

कट रहे जो वृक्ष, वन, उपवन, खेत खलिहान,
जहां बन रहे न्यूनतम दर पर पेट्रोल पम्म फ्लैट
ऑफिस मकान वहां एक गार्डन वृक्षों का लगाना!

मैं कभी किसी से कुछ नही मांगता क्यूंकि मेरे पास मेरे अपने सब है, जो मुझे कभी किसी से कुछ मांगने नही देते वो जानते है मुझे मेरी हर ज़रूरतों को पूरा करना औऱ वो मेरी हर ख़्वाहिशों को पूरा करते है, मैं आज एक रुपया भी मांग लूं तो मुझे कभी मना नही करते मेरे हर जीवन को वो जानते है,पहचानते है, मुझे कभी किसी से कोई भेदभाव नही मम्मा पापा मेरे साथ हर समय हर मोड़ पर हर दिन रात सुबह शाम खड़े अड़े डटे रहते है!

आज के इस युग में मम्मी पापा
भाई बहनों का होना ज़रूरी हैं
उतना जितना उन्हें समझ पाना
बहुत कीमती है माँ-बाप बेटा
बेटी पर ये इतना ही कायम नही
जितना हमें कायम होना हैं!

वृक्ष है तो हवा है हवा है तो पानी बिना वृक्ष से,जीना नही बिना हवा के ऑक्सीजन नहीं बिना वृक्ष वन उपवन के धूप छाव सर्दी गर्मी बारिश कुछ भी इस जीवन में नही।

शून्य ही आना , शून्य ही जाना,
शून्य से ही घिरा होता आकाश!
शून्य से ही उदय होता प्रकाश,
बिना शून्य के कहा है अस्तित्व!

कट रहे जहां खेत खलिहान बन रहे जहाँ पेट्रोल पंप मकान दुकान फ्लैट हॉस्पिटल स्कूल कॉलेज वहां आप सब अपना योगदान देना वृक्ष को लगना ऑक्सीजन बचाना जिससे आने वाले नये जीवन में हवा,पानी, सर्दी, गर्मी और हमारी प्रकृति के इस वातावरण में शुध्द नमी बनी रहें।

-हार्दिक महाजन