कई बार कहीं कहीं छूट जाता हूं मैं..
कई बार ज़िंदगी के कुछ लम्हे ऐसे होते हैं, जहाँ से मैं चाहकर भी खुद को अलग नहीं कर पाता। जैसे उस दिन, जब पहली बार उस पार्क में हमारी मुलाकात हुई थी। वो आई, और उसके आते ही हर चीज़ जैसे थम गई। उसकी मुस्कान, उसकी आँखों की गहराई ने मुझे बाँध लिया। हम बातें करते रहे, और जब जाने का वक्त आया, शरीर तो लौट आया, लेकिन दिल वहीं रह गया—उसके साथ, उसकी बातों में खोया, उसे एकटक देखते हुए। ऐसा तब होता है जब उस पल से आपका दिल पूरी तरह संतुष्ट नहीं होता। आप उस पल को और जीना चाहते थे, पर ज़िंदगी आपको आगे बढ़ने पर मजबूर कर देती है।
एक और दिन याद आता है—जब पहली बार बहन को उसके...
एक और दिन याद आता है—जब पहली बार बहन को उसके...