रौशनी की बुलन्दिओं ...
अपनी
रौशनी की बुलन्दिओं
पर कभी न इतराना”
चिराग
सब के बुझते हैं, हवा
किसी की नही होती...
रौशनी की बुलन्दिओं
पर कभी न इतराना”
चिराग
सब के बुझते हैं, हवा
किसी की नही होती...
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