कुछ खट्टे मीठे पल part-(03)
उम्र ग्यारह साल नई जगह नया माहौल वो अपनी मम्मी के पास नोएडा आ गई वहां सबकुछ अलग अनजाना- सा धीरे धीरे पर सब ठीक हो गया सब फ्रेंड्स बने उनमें कभी लड़ाई कभी फ़िक्र सब चलता रहा।
पर वहां से जो फ्रैंड्स बने लाइफ टाइम के हर मुश्किल में साथ देने वाले जब हमारा लंच होता तो बहुत मस्ती करते । अगर कभी एक खाना नहीं खाता तो उसे मनाते और अपने हाथों से खिलाते पूरी क्लास में हमारी फ्रेंडशिप फेमस थी। सबसे अलग बैठते सबसे अलग सोचते एसा लगता मानो जैसे जीने कि एक न्यी वजह हो ।और साथ में हमारी उन आंखो में पल रहे वो नन्हे से सपने और...
पर वहां से जो फ्रैंड्स बने लाइफ टाइम के हर मुश्किल में साथ देने वाले जब हमारा लंच होता तो बहुत मस्ती करते । अगर कभी एक खाना नहीं खाता तो उसे मनाते और अपने हाथों से खिलाते पूरी क्लास में हमारी फ्रेंडशिप फेमस थी। सबसे अलग बैठते सबसे अलग सोचते एसा लगता मानो जैसे जीने कि एक न्यी वजह हो ।और साथ में हमारी उन आंखो में पल रहे वो नन्हे से सपने और...