...

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" उफ्फ ....."
उफ्फ ऐसी सादगी देखी नहीं,
गुलाबो सी ताज़गी देखी नहीं.

जुगनू बहुत गुजरे नज़र से पर,
ऐसी उजली चांदनी देखी नहीं.

आंखें देख कर ही लड़खड़ाए,
हाय ऐसी मयकशी देखी नहीं.

चेहरा चांद सा ही दमकता है,
कही, ऐसी रोशनी देखी नहीं.

सबके लिए दिल में दर्द भरा,
सीरत, ऐसी हसीं, देखी नही.
🌸🌹💐🍫___🌸🌹💐🍫

आसमान में चमकते माहताब हो आप,
कभी हकीकत तो कभी ख्वाब हो आप.

आपके नाम से महकती है वादियां,
चमन में खिले हुए हसीं गुलाब हो आप.

जो भी पढ़े आपको पढ़ता ही जाए,
बेनजीर बेहतरीन कोई किताब हो आप.

सारा जहां जिसे खोने से भी डरे,
यकीनन !! ऐसे मोती नायाब हो आप.
🌸🍫💐🌹___🍫💐🌹🌸

उफ्फ, हाय !! क्या खूब, तस्वीर है,
गोया के किसी रईस की तकदीर है.

जो भी देखे, सीधा डूब ही जाए,
आंखें है झील सी, जुल्फे जंजीर है.

भुल से भी, मासूम न समझना,
हंसते लब, कत्ल करने मे माहीर है.

इस सादगी के हाय क्या कहने,
आय हाय ! अदाए तेज़ शमशीर है.
🌸🌹💐🍫____🌸🌹💐🍫
© एहसास ए मानसी