...

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maa mera rab
रखते हो वर्त जब आप हमारे नाम का
देख लिया सितारा आज उसी एक शाम का
मेरा तो मां के चरणों में ही सारा जहान था
जिसे छीन लिया भगवान तो ये जीवन किस काम का
ना कोई दुख ,दर्द हो हमे खुश हमेशा रहे
जब भी लिया आशीर्वाद हुआ मेरा भी कल्याण था
आप बिना बताए हर चीज जानते हो
जो ना दे सुख तुम्हे वो पैसा किस काम का
पकड़ मेरा हाथ चलना जो सिखाया आपने
मिले जो संस्कार आपसे मेरा पहला वही ज्ञान था
हर मर्ज की दवा आपके पास
जब भी लगी चोट मुझे
निकला जो शब्द वो नाम मां था
अब नहीं हो तुम तो ये जीवन किस काम का
मिली जो मां की ममता तो जीवन सफल हुआ
जहा नहीं वो आंचल की छाव
अब वो वृक्ष किस काम का
अब नहीं हो तुम तो ये जीवन किस काम का
मां नाम है प्रेम का ....



© मारवाड़ी