बापू की तस्वीर
पात्र- मां
अनुज- बड़ा बेटा
रोहित- छोटा बेटा (जो पढ़ाई कर रहा है)
जानवी - बेटी ( जो पढ़ाई कर रही हैं।)
एक युवक - जो तस्वीर बेचने आता है।
(कमरे के बाहर एक छोटा सा बरामदा है । मां चावल बीन रही है।
बीच बीच में अपनी आंखो से चश्मा उतार कर देखती हैं।
उसी समय एक व्यापारी तस्वीर बेचने वाला आता है।)
व्यापारी - (जोर - 2 से )- तस्वीर ले लो - 2
अच्छी- 2 तस्वीर बापू की तस्वीर सस्ते दामों में।
मां - (व्यापारी से) ये क्या है? भाई साहब आप क्या बेच रहे हैं?
व्यापारी- तस्वीर बेचता हूं, बहन जी (मां और व्यापारी वार्तालाप) तस्वीर दिखाओ (तभी कुछ देर बाद दौड़ता हुआ रोहित आता है।)
रोहित - मां आप जानती हो क्या? कल दो अक्टूबर का दिन है।
विद्यालय में मास्टर साहब कह रहे थे कि कल गांधी जयंती है।
और सभी बच्चो को नहा धूल के स्वच्छ कपड़े पहन कर , और साथ में बापू कि तस्वीर भी लाने को...
अनुज- बड़ा बेटा
रोहित- छोटा बेटा (जो पढ़ाई कर रहा है)
जानवी - बेटी ( जो पढ़ाई कर रही हैं।)
एक युवक - जो तस्वीर बेचने आता है।
(कमरे के बाहर एक छोटा सा बरामदा है । मां चावल बीन रही है।
बीच बीच में अपनी आंखो से चश्मा उतार कर देखती हैं।
उसी समय एक व्यापारी तस्वीर बेचने वाला आता है।)
व्यापारी - (जोर - 2 से )- तस्वीर ले लो - 2
अच्छी- 2 तस्वीर बापू की तस्वीर सस्ते दामों में।
मां - (व्यापारी से) ये क्या है? भाई साहब आप क्या बेच रहे हैं?
व्यापारी- तस्वीर बेचता हूं, बहन जी (मां और व्यापारी वार्तालाप) तस्वीर दिखाओ (तभी कुछ देर बाद दौड़ता हुआ रोहित आता है।)
रोहित - मां आप जानती हो क्या? कल दो अक्टूबर का दिन है।
विद्यालय में मास्टर साहब कह रहे थे कि कल गांधी जयंती है।
और सभी बच्चो को नहा धूल के स्वच्छ कपड़े पहन कर , और साथ में बापू कि तस्वीर भी लाने को...