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पूर्वजों का उपहार 🎁🎁
🙋‍♀️🤔खाली दिमाग़ इधर उधर नज़र दौरा रही थी लेटे लेटे, तभी मेरी नजर दीवार पे टंगी हुईं कजरोटे (काजल रखा जानेवाला) पर पड़ी! यह मछली की आकृति की हैं और ये पीतल की है! मेरी नानी बताई थी कि ये कजरोटा उनकी मां दी थी जब मेरी मम्मी हुई थी तो उनको काजल लगाने के लिए!ये आज भी वैसे ही है हम सब भाई बहनों को भी इसी से काजल लगाया गया! आजकल मेरी भांजी को भी इसी से काजल लगाये जा रहे हैं ! ये आगे तक ऐसा ही चलते रहेगा!
वैसे अब तो लोग लैक्मे, ब्लू हेवन और न जाने क्या क्या!
हमारे पूर्वजों के द्वारा दी हुई कुछ चीजें हमारी जिंदगी में बहुत ख़ास हो जाती है जो गुजरते वक्त के साथ कभी कभी पुरानी यादें ताज़ा कर जाती हैं! ऐसी ही कुछ यादें जाता(चाक) की है जिसमें नानी अपने समय में घट्टा, दाल दर्रा करती थी! नानी कहती थी आटा, बेसन बगेरह इसी में पिसा करती थी! इसका प्रयोग अब भी होता है लेकिन कभी कभार जैसे छठ पर्व में खरना के लिए आटा, अरवा चावल या फिर शादी ब्याह देवी पूजन में पकवान के लिए आटा पिसा करती है!पहले दो औरतें मिलकर पीसते पीसते गाया भी करती थी!
खैर अब तो ज्यादातर लोग चक्की मशीन में ही पिसवाया करते हैं!
ऐसे ही कुछ यादें उखल और मूसल की है जिसमें मां अब कभी कभी मकई, तीसी (चिकना) कुटा करती हैं!
ये सब जल्दी न समाप्त होने वाली चीज़े है जो हमारी जिंदगी के पुरानी यादें को समेटे हुए रहती हैं!🤔💝💝

धन्यवाद!🙏🙏

by _Sadhna Kumari
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