...

4 views

चंदन की शर्त भाग 2
चंदन की सर्त में अब तक अपने पढ़ा कि कैसे चंदन शर्त लगाता है और हवेली की तरफ चल पड़ता है और वहा उसे उसका दोस्त राजू मिलता है जो उसे घर ले जाता है राजू एक भूत पकड़ने बाला होता है जो वहा भूत पकड़ने आया होता है अब आगे....

राम और चंदन दोनो घर पहुंचते हैं ओर चंदन राम के लिए कुछ खाने के लिए बनाता है ओर दोनो आराम से बैठते हैं और बाते कर रहे होते हैं। तो बातो बातो मे चन्दन राम से पूछता है कि क्या सच मे इस बड़ी हवेली मैं भूत रहता है तो राम राम उसे बताती हैं कि हा ये सच है ओर में उसी को पकड़ने आया हूं।
राम बोलता है कि उस हवेली की बहुत लंबी कहानी है तो चन्दन बोलता है कि सुना ना मुझे कोन सा कही जाना है। तो राम कहानी सुनाना शुरू करता है और बोलता है कि बहुत लम्बे समय कि बात है तो चंदन बीच में बोलता है और कहता है कितने लम्बे समय कि राम उसे गुस्से से देखता है ओर बोलता है कहानी
सुननी है तो क्यों जो ये कहानी पढ़ रहा है उसका समय खराब करा रहा है।
राम कहानी सुनाता है और बोलता है कि बहुत लम्बे समय कि बात है एक गांव मे एक राजा अपने परिवार के साथ रहता था। जिसका नाम अश्वसेन था। अश्वसेन बोहोत की शांति प्रिय ओर राज्य की सारी जरुरते करने बाला था। उसके राज्य मे उसकी प्रजा काफी सुख और शांति से रहती थी। एक दिन जब राजा नगर मे घूम रहा था तब उसने एक नगर के बासी को सोने की असरफी दी थी।

कहता है ना की घर का बेदी लंका ढाए वैसा ही हुआ। राजा के छोटे भाई ने अपने ही भाई को और उसके परिवार को महल के साथ जला दिया क्युकी उसके भाई को सत्ता का लालच था ओर वो सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता था। जैसे ही राम आगे कहानी सुनाने लगता है चन्दन सो जाता हैं जैसे आप लोग सो रहे हों इसी पर राम कहानी सुनाना बंद कर देता है ओर वो भी सो जाता है।

वैसे कहानी तो बोहोत बड़ी बाकी आगे की कहानी अगले भाग में ।।।।।
धन्यवाद..........