...

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बोल
ज्यादा नजदीकिया बढ़ाने से रिश्तों में दरार आ ही जाती है
जब कोई अपना हमे जख्म देता है तो वो जख्म न तो आंख से नजर आते है
न ही उनका दर्द अपने दिल से निकाल पाते है
जब कोई हमे देखते ही अजनबी सा पेश आए
तो उसे भूल जाना ही अच्छा है ।
तीखे शब्दों से तो अच्छे अच्छों के कत्ल कर दिए जाते है
न खून बहता है न सजा होती है
इन तीखे शब्दों से जीते जी इंसान की मुर्दे सी हालत हो जाती है ।
जिस तरह हवाएं बादलों का रुख बदल देती है
उसी तरह दुआएं भी इंसान की सोई हुई तकदीर जगा
देती है
जब तक सच्चा प्यार करने वाला साथ होता है
उसकी अहमियत का पता नहीं चलता जब वह छोड़कर चला जाता है
तब उसके प्यार का एहसास हो पाता है
तूफानों से कह दो की ज्यादा शोर ना करें
क्योंकि तूफानों को चीर कर निकलना हमें बखूबी आता है ।।