कत्लेआम
हर रोज़ होता है । एक राज़ दफ़न सीने में कहीं।।
अब तो मालूम होता है । दिल भी कब्रिस्तान सा हंसी।।...
इंसान को कोई इंसान रहने नहीं देता आज के ज़माने में।जहां से गुजरता है थोड़ा डरा सहमा सा मालूम होता है।लगता है किसी ने कत्ल कर दिया हो उसके जीवंत जीवन का।अब सिर्फ...
अब तो मालूम होता है । दिल भी कब्रिस्तान सा हंसी।।...
इंसान को कोई इंसान रहने नहीं देता आज के ज़माने में।जहां से गुजरता है थोड़ा डरा सहमा सा मालूम होता है।लगता है किसी ने कत्ल कर दिया हो उसके जीवंत जीवन का।अब सिर्फ...