...

3 views

मेहनत
इस कदर जला हूँ, मशक्कत कि धूप में कि अब कोई भी मौसम हो पसीना नहीं आता है....
मेहनत से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता है, औऱ उसका फल अवश्य मिलता है, और उस कठिन परिश्रम की मेहनत हर मौसम मे अच्छी लगती है चाहे धूप हो या छांव...और वह मेहनत परिवार की नजरों मे भी उठाने का कार्य करती है, जिससे हमारे परिवारजनों की नजरों में हमारी वैल्यू हमेशा बनीं रहती है और लोगों मे भी चर्चा का विषय बना रहता है और खुद के बच्चों को भी अपने जैसा बनने का कहते है और माँ बाप की इज्जत हमेशा बनीं रहती है... और हमारे जलने वालों के लिए भी एक सबक के रूप में काम करते है... ये जीवन है जिसे बिना मेहनत के नहीं जिया जा सकता है, अन्यथा लोगों की बातें हमें जीने भी नहीं देती है उनके ताने हमेशा कानों मे गूंजते रहते है....
© anuraggurjar1111