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Part -1- बारिश
हो रात भी क्या हसीन रात थी जब मुझे तुम पहली बार मिले थे। उस दिन बड़ी जोर शोर से बारिश हो रही थी। और तुम जल्दी से भागकर बस स्टैंड पर आ गए। वहीं सामने एक रेस्टोरेंट में बैठकर मैं अपने लैपटॉप पर एक कहानी लिखने की कोशिश कर रहा था। तब मेरी नजर पहली बार तुम पर गए। तुम भीगी हुई से पीले रंग की ड्रेस में हाथ में पर्स लिए खड़े थे। न जाने कैसे पर दिल को पहली बार यूं लगा जैसे कोई अपना खड़ा है सामने। तुम बस स्टैंड से निकाल कर वहीं रेस्टोरेंट में आ गई और ठीक मेरे सामने वाले टेबल पर बैठ गए। मैं बस तुम्हें देखे जा रहा था। उस वक्त तुम्हारी नजर फिर मुझ पर पड़ी। और तुम उठ कर मेरे पास आए। तुमने कहा मुझे "पहचाना क्या" और वही मैं थोड़ा सा सोच में पड़ गया कि मैं तो तुमसे पहली बार मिल रहा हूं फिर मैं कैसे तुम्हें पहचान सकता हूं। तुमने कहा हम रोज बात करते हैं फेसबुक पर बहुत अच्छे दोस्त है। मैं फिर सोच में पड़ गया कि कौन सा दोस्त है। फिर बहुत सोचने के बाद मैंने तुमसे कहा "मैं तुम्हें नहीं पहचानता तुम कौन हो?" तुमने पलट कैसे इतना सा कहा "jolly"। और मैं तुम्हें पहचान गया मेरी jolly।