कितने सावन बीते
तुम्हारे लौटके आने के , इंतजार में ना जाने कितने सावन बीते।
कोई तो सावन ऐसा हो , जो मेरा सिर्फ़ तुम्हारी ही बाहों में बीते।
बिना तुम्हारे मुझको ,अब यह ज़िंदगी सूनी-सूनी सी लगने लगी है।
अब तो तुम्हारी कमी ,...
कोई तो सावन ऐसा हो , जो मेरा सिर्फ़ तुम्हारी ही बाहों में बीते।
बिना तुम्हारे मुझको ,अब यह ज़िंदगी सूनी-सूनी सी लगने लगी है।
अब तो तुम्हारी कमी ,...