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दो आदमी
मैं किसी बीते जमाने की कहानी नहीं लिख रही हूं बल्कि आज के दौरकी बात लिख रही हूं एक सच्ची दास्तान जिसे आप सब भी जानते हैं और मैं भी जानती हूं
दो आदमी थे दो अलग-अलग इलाके के रहने वाले एक का नाम था कमल दूसरे का नाम था रमन दोनों की अक्सर मुलाकात हो जाया करती थी उन सड़कों पर बार-बार मिलने से वह एक दूसरे के चेहरे को पहचानने लगे थे फिर थोड़ी जानकारी बढीबातचीत शुरू हो गई बीच में पडने वाला शहर भी दोनों के मिलने का कारण था दोनों उच्च शिक्षा प्राप्त थेलेकिन दोनों के पास सरकारी नौकरी नहीं थी फर्क बस इतना था कमल ने अपनी शिक्षा मां बाप के खर्च पर पूरी की थी लेकिन रमन साथ में काम भी करता था
रमन बस से शहर जाता था जबकि कमल अपनी मोटरसाइकिल पर आया करता था कमल कई बार रमन को साथ बैठने का इशारा करता लेकिन रमन विश्वास भरी नजरों से लौटने का इशारा करता और अपने सच्चे आनंद में आगे बढ़ जाता
. कमल के पास नहरी पानी वाले उपजाऊ खेत थे रमन के पास बिना पानी वाले रेतीले ऊँचे l खेत थे अगर बारिश हो जाती थी तो फसल अच्छी हो जातीअगर बारिश नहीं होती तो फसल नहीं होती थी कमल अपने खेत से अच्छी उपज पैदा कर लेता था दोनों ही ठीक मेहनत करते कमल कुछ समय बाद चमचमाती कार ले आया वह शहर से लौटते वक्त रमन को हाथ खड़ा करता वह दोनों हाथ जोड़कर उसका जवाब देता जैसे-जैसे समय गुजरा कमल ने एक नया मकान बनाना शुरू कर दिया
उधर रमन के खेतों में सूखा पड़ गया 2 वर्ष तक बारिश नहीं हुई बस अपनी छोटी सी नौकरी से जैसे तैसे करके घर का खर्चा चलाया अपने खालीखेतों को देखकरउसका मन रो उठता वह अपने खाली हाथ आसमान की और उठाकर भगवान से बारिश के लिए प्रार्थना करता
खर्च की मजबूरी देखकर उसने अपने पुराने मोटरसाइकिल को बेच दिया उसने एक साइकिल खरीद ली जब कभी शहर जाता वह 8 किलोमीटर के यात्रा साइकिल पर ही करता 1 दिन रास्ते में कमल मिला रमन को साइकिल पर आता देखकर उसने अपनी कार को रोक लिया और पूछा अरेरमन साइकिल पर हां भाई बस वक्त की बात है शहर में वह सारा दिन अपने काम में लगा रहालेकिन शाम को लौटते वक्त सोचने लगा कुछ नया बनाने की बात सोचता हूं लेकिन फसल तो बहुत कम होती हैपूरा वर्ष पड़ा हैपेट और घर तो कुंआजितना डालो उतना ही कम हैआखिर करूं भी तो क्या करूदो वक्त की रोटी के बारे में सोचना पड़ता हैकभी वह सोचता अपने पुराने ट्रैक्टर को बेच दूं लेकिन वह भी ज्यादा महंगा नहीं बिकेगा हो सकता है इस वर्ष भगवान अच्छी बारिश कर दे सोचते ही सोचते घर आ गया बच्चे पास आकर बैठ गए पत्नी ने पानी का गिलास दीया आज तो आप ज्यादा ही थक गए होंगे पत्नी ने कहा तुम ठीक कह रही हो लेकिन जिसके पास उम्मीद होती है वह कभी थकता नहीं यू वक्त बीतता गया
गर्मी आई भगवान मेहरबान हो गए पहली बारिश ही बहुत अच्छी हुई रमन की उम्मीद उमंग में बदल गई शहर गया तो कमल मिल गया वह नया मकान बनवा रहा था जो करीब आधा बन चुका था दोनो दोस्तो ने रुक कर कुछ बाते की फिर अपने अपने रास्ते चल दिए कमल ने बताया था कि उसने बैंक से कुछ कर्जा लिया है फसल अच्छी हो जाती है इसलिए वह मकान का कर्ज जल्दी उतार देगा रमन ने कहा बहुत अच्छा है भाई शायद इस वर्ष अच्छी बारिश भी हो जाए
इस वर्ष इंद्र देवता मेहरबान हो गए बरसात बहुत अच्छी हो रही थी रमन ने किराए के ट्रैक्टर से जुताई करवाई और अपने एक जानकर ऊंठलेकर बुवाई का काम शुरू कर दिया जो खेत नीची जगह पर थेऔर पानी ज्यादा था उन खेतों में पानी भर गया कमल के खेत पानी से भर गए बारिश और ज्यादा हो गई गांव के पास वाली नहर टूट गई कमल के खेत पानी में डूब गए गांव ऊँचीजगह पर होने से गाँव बच गयापानी ही पानी नजर आने लगा नहर बंद करवा कर उसकी मरम्मत की गई सारी फसल बर्बाद हो गई
जब रमन को इस बात की खबर लगी तो वह कमल के घर गया लेकिन पता चला की कमल बीमार पड़ गया है और शहर के एक हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया है वह शहर की ओर चल दिया उसे अपना वक्त याद आ रहा था जब वह बीमारहॉस्पिटल में अकेला पड़ा रहता था एक दिन कमल आया था2 मिनट बैठ कर फिर वह लौट गयाउसने रमन को हौसला नहीं दिया कि मैं तुम्हारे साथ हूं उस समय उसे दवाइयों की जरूरत थी लेकिन रुपए नहीं होने की वजह से वह 1 महीने तक बेड पर पड़ा रहा
लेकिन आज मैं ऐसा नहीं करूंगा मैं इंसानियत के नाते कमल के पास जाऊंगा अगले दिन सुबह जल्दी तैयार होकर साइकिल से अस्पताल पहुंचा जहां कमल भर्ती था गांव वालों ने बताया कि वह बहुत उदास है मैं कुछ खाता है ना कुछ पीता है जैसे हीउसने कमरे में कदम रखाकमल ने उसे देखा उसकी आंखों से आंसू निकल पड़ेजैसे कमल के पास भगवान पहुंच गए होकमल को पता था की रमन ही एक ऐसा इंसान है जो उसके दर्द को समझ सकता है और उसकी हर बात को जमाने से छुपा कर दिल में रख सकता है रमन सारा दिन उसके पास बैठा रहा उसको हौसला देता रहा और हर तरह से मदद करने का वायदा करता रहाऔर उसे अच्छी सलाह देता रहा कि पानी थोड़ा कम हो जाए फिर खेतों में चावल की फसल बो देंगे रमन ने कहा मेरी और देख मेरे दोस्तजिसके खेत 3 वर्ष तक वीरान पड़े रहे जहां तिनका भी हरा नहीं था तेरे पास तो गाड़ी है ट्रैक्टर है इस वर्ष तुम मकान का काम रुकवा दोपुराने मकान में तुम 1 वर्ष तक रह सकते हो फिर अगली फसल तो पक्की है उठ मेरे दोस्त कर्म कर फल जरूर मिलेगा अगर यूं ही पड़ा रहा तो और भी ज्यादा बीमार हो जाएगा अगर मन बीमार है तो तन भी अस्वस्थ हो जाता है तेरे बूढ़े माता-पिता पत्नी और बच्चे सभी तुम्हारी तरफ देख रहे हैं
रमन ने शाम को कमल से शाम को विदा ली और घर आ गयाकमल ने आज खाना खा लिया था वह रमन के बारे में सोच रहा था कि जब रमन बीमार था तो मैंने एक घंटा भी उसके साथ नहीं गुजारा उसे अकेला छोड़ मैं अपने काम में मस्त हो गया जब उसे मेरी बहुत जरूरत थी लेकिन मैंने उसकी कोई मदद नहीं की आज जब मुझे दुख लगा है तो खुद को संभाल नहीं पाया लेकिन रमन तो हर वर्ष मंदे की मार झेलता आ रहा हैमैं दौलत का अभिमानी एक झटके से ही टूट गया आज समझ मे आ रहा है कि सच्चा इन्सान कौन है जो दुःख मे साथी बने वो ही सच्चा इन्सान है मैदौलत काअभिमानी हूं जिसके पास किसी को देने के लिए वक्त भी नहीं है
गुरप्रीत उडांग