भगवान का घर ...
कल दोपहर में मैं बैंक में गयी थी। वहाँ एक बुजुर्ग भी उनके काम से आये थे। वहाँ वह कुछ काम की बात ढूंढ रहे थे। मुझे लगा शायद उन्हें पेन चाहिये। इसलिये उनसे पुछा तो, वह बोले "बिमारी के कारण मेरे हाथ कांप रहे हैं और मुझे पैसे निकालने की स्लीप भरनी हैं। उसके लिये मैं देख रहा हूँ कि किसी की मदद मिल जाये तो अच्छा रहता।"
मैं बोली "आपको कोई हर्ज न हो तो मैं आपकी स्लीप भर दूँ क्या?"
उनकी परेशानी दूर होती देखकर उन्होंने मुझे स्लीप भरने की अनुमति दे दी। मैंने उनसे पुछकर स्लीप भर दी।
रकम निकाल कर उन्होंने मुझसे पैसे गिनने को कहा। मैंने पैसे...