Har dost Zarori hain
*एक सुन्दर संदेश..*
एक आदमी, जो हमेशा अपने दोस्तों के साथ घुल मिल कर रहता था और उनके साथ बैठकें करता था, अचानक बिना किसी को बताए सबसे मिलना जुलना बंद कर दिया।
कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस ग्रुप के नेता ने उससे मिलने का फैसला किया।
वह नेता उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक गोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक नेता का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।
दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे।
कुछ देर के बाद आगंतुक ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे...
एक आदमी, जो हमेशा अपने दोस्तों के साथ घुल मिल कर रहता था और उनके साथ बैठकें करता था, अचानक बिना किसी को बताए सबसे मिलना जुलना बंद कर दिया।
कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस ग्रुप के नेता ने उससे मिलने का फैसला किया।
वह नेता उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक गोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक नेता का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।
दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे।
कुछ देर के बाद आगंतुक ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे...