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परियाँ
मुझे दिन से ज्यादा रात पसंद है। रात होते ही जैसे लगता है दिन का सारा बोझ कहीं पे रख दिया है।
एक सुकून सा मेहसूस होता है। मेरी बालकनी का एक कोना जहाँ मेरे पसंदीदा मोगरे और गुलाब के कुछ पौधे रखे है। वहाँ कुर्सी ले के बैठ जाती हु। सोंधी सोंधी सी खुशबू मन को अंदर तक शांत कर देती है
कुछ पुराने गाने या गज़ल सुनती हु। आसमान मे चाँद के साथ साथ तारे भी रात को और खूबसूरत बनाते है।
ये वक़्त सिर्फ मेरा होता है। वो अंग्रेज़ी मे केहते है ना ' Me time '. दिन भर की भाग दौड़ साइड पे रख के कुछ वक़्त सिर्फ अपने लिए।
मेरे हिसाब से हर किसी को खास कर के स्त्रियों को अपने लिए दिन का कुछ वक़्त अपने लिए निकालना चाहिए। बच्चे और घर की ज़िम्मेदारियों मे हम अपने लिए जीना भूल जाते है।
जिंदगी की कहानी मे परियाँ नहीं होती। पर सुकून के कुछ पल पारियों की सुनाई कहानी से भी ज्यादा रूहानी लगते है।




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