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ख्वाबों की दुनिया

एक बात बोलूं क्या तुम्हें याद है हमारी पहली मुलाकात इत्तेफाक और गलतफहमी का भंडार था
हमें एक दूसरे से सालो पहले ही इश्क हो गया था लेकिन उसे इजहार करने के लिए हमें दुबारा मिलना पड़ा कहते हैं ना हर एक काम सही समय पर हो तो सही होता यह वही दिन था हमारे जीवन का अमृत काल था अभिजीत मुहूर्त हम पंडितों के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे अच्छा होता है और वह समय मेरे लिए वही था
दोस्त की शादी में तुमसे मिलना जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा ना तो तुम मुझे बहुत घमंडी लगे और डरावने भी पर क्या कर सकते हैं बिजनेसमैन को घमंडी होना पड़ता है वह हर किसी से तो बात नहीं कर सकते ना सच में पहली बार जो तुम्हें देखकर सोची थी वो एकदम गलत था जब हम टकराए थे सच बोलूं तो मैंने सोच लिया था कि अब तो नहीं मिलना इस इंसान से बिल्कुल नहीं मिलना पर ऐसा नहीं हुआ और भगवान का शुक्र है कि ऐसा नहीं हुआ नहीं तो मैं एक खूबसूरत इंसान एक जिंदादिल इंसान खो देती
मैं अपने स्कूल वाले प्यार को खो देती तुम्हें देखा तो मुझे नहीं मालूम था कि तुम वही हो जिसके लिए मैंने न जाने कितनों को मना किया था पर तुम्हें मैं याद थी तुम मेरे लिए कितने protectiveहो मुझे उस दिन पता चला था किसी ने गलती से मेरे हाथों पे चाकू लगा दिया था तुम्हारे आंखों का लाल हो जाना उस समय पता लगा था कि कहर और जहर किसे कहते हैं उस समय जैसे लगा कि मेरे लिए भी कोई है किसी ने इसी बीच मेरे ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया तुम्हें जैसे ही पता लगा तुम सब कुछ छोड़ मेरे पास आ गये और सबसे बचाते हुए अपने कार के पास ला दिये तो मैं कार चलाने के लिए जिद्द करने लगी जब तुमने मना किया तो मैंने भी तुम्हें खुब डांटा था जिसे देख सब सदमे में आ गए और तुम्हारे पूरे एक घंटे मनाने के बाद मैं मानी वो भी एक शर्त पर कि तुम मुझे घाट पर ले चलोगे तुमने हां बोला था जिसके बाद हमारी कार घाट के सामने रुकि तुम कार पार्क कर रहे थे तब तक मैं सीढ़ियों तक पहुंच गई थी याद है तुमने बोला था आफत कहीं कि मैं तुम्हें चिढ़ा कर आगे जाकर चबउतरे पर बैठ गई थीं और अपनी बांसुरी बजाने लगी जिसके धुन में तो तुम भी मदहोश हो गये मैं वहीं पर तुम्हारे कंधे पर सो गईं थीं जब तुम्हें ये‌ महसूस हुआ तो तुम मुझे घर ले जाने लगे थे मगर मैंने तुम्हें साफ़ इंकार करते हुए कहा नहीं मुझे यहां तुम्हारे साथ सुरक्षित और बहुत अच्छा लग रहा है वहीं पर तुम एक दीवार का सहारा लेकर बैठ गये और मैं तुम्हारे कंधे का
जैसे होता है ना कि बेघर को घर मिल गया हो और राही को मंजिल बस मुझे भी ऐसा ही लग रहा था न जाने कितने दिनों बाद मैं इतनी गहरी नींद में सोई थी
तुमने जो मेरे बच्कानी हरकतों कि तस्वीर ली थी मुझे चिढ़ाने के लिए लेकिन वो आज जब तुम बिजनेस ट्रिप पर होते हो तो मेरे लिए वो यादें ही हंसने का बहाना होती है धन्यवाद मेरे साथ जीवन भर रहने के लिए
तभी एक बाल्टी पानी मेरे मुंह पर पढ़ा और मेरा सपना मेरे ख्वाबों की दुनिया बन गया।
© freedom