करो दिल की...
आज की दुनिया में सब एक शेर नहीं चींटी की तरह हो गए है...
क्यूं????
क्यूंकि हम सब चींटी की तरह एक ही विचार को देखते हुए जा रहे है...की सरकारी नौकरी रोजगार है बाकी सब बेरोजगार है...
किसने कहा?
मैंने ,आपने या समाज ने...नहीं पता ना तो क्यूं इस नियम को मानकर अपनी ज़िन्दगी को मुश्किल बनाना ओर ख्वाहिशों को दबाना...
एक तरफ कहते है zindaginek बार मिलती है जी लो..तो जीते क्यूं नहीं....
क्यूं सोच लेते हो नकारा खुद को जबकि तुम इस लायक हो की अपने सपने जी सको...
फिर किस चीज की जरूरत है...
क्या सारी खुशी सरकारी नौकरी ही है..
कभी किसी को पूरी तरह जीवन से संतुष्ट देखा है नहीं ना..
क्यूंकि ये मुमकिन ही नहीं है...पैसा हर मर्ज की दवा है मगर सुकून का नहीं...सुकून अगर अब नहीं है तो क्या जरूरी है कि तब हो जाए..ओर अगर अभी सुकून मिल रहा तो जियो ना..मै ये नहीं कह रही की कुछ मत करो ओर ऐश करो...मै कह रही की वो करो जो तुम करना चाहते हो ओर जिसने तुम खुश हो क्यूंकि वही तुम्हे कामयाबी ओर सुकून दोनों दे पाएगी....
ना की जबरदस्ती की सरकारी नौकरी..
आधी ज़िन्दगी डिप्रेशन में बीता के क्या हासिल होता है...अरे यार इतना तो यकीन रखा करो कि तुम अपनी खुशियां कमा लोगे बस काफी है....
जाने कितने लोग इस सरकारी नौकरी नामक बीमारी से हारकर आत्महत्या का रास्ता अपना लेते है...तो वो रास्ता क्या बेहतर है नहीं ना...
इसलिए अपनी मंजिल अपने हिसाब से बनाओ..ना की दूसरो के विचार से...
जो मिले सो तो भला...जो ना मिले वो भी तो भला ही होता है ना ये मैंने नहीं किसीने तो कहा है...🙃#kro dil ki
क्यूं????
क्यूंकि हम सब चींटी की तरह एक ही विचार को देखते हुए जा रहे है...की सरकारी नौकरी रोजगार है बाकी सब बेरोजगार है...
किसने कहा?
मैंने ,आपने या समाज ने...नहीं पता ना तो क्यूं इस नियम को मानकर अपनी ज़िन्दगी को मुश्किल बनाना ओर ख्वाहिशों को दबाना...
एक तरफ कहते है zindaginek बार मिलती है जी लो..तो जीते क्यूं नहीं....
क्यूं सोच लेते हो नकारा खुद को जबकि तुम इस लायक हो की अपने सपने जी सको...
फिर किस चीज की जरूरत है...
क्या सारी खुशी सरकारी नौकरी ही है..
कभी किसी को पूरी तरह जीवन से संतुष्ट देखा है नहीं ना..
क्यूंकि ये मुमकिन ही नहीं है...पैसा हर मर्ज की दवा है मगर सुकून का नहीं...सुकून अगर अब नहीं है तो क्या जरूरी है कि तब हो जाए..ओर अगर अभी सुकून मिल रहा तो जियो ना..मै ये नहीं कह रही की कुछ मत करो ओर ऐश करो...मै कह रही की वो करो जो तुम करना चाहते हो ओर जिसने तुम खुश हो क्यूंकि वही तुम्हे कामयाबी ओर सुकून दोनों दे पाएगी....
ना की जबरदस्ती की सरकारी नौकरी..
आधी ज़िन्दगी डिप्रेशन में बीता के क्या हासिल होता है...अरे यार इतना तो यकीन रखा करो कि तुम अपनी खुशियां कमा लोगे बस काफी है....
जाने कितने लोग इस सरकारी नौकरी नामक बीमारी से हारकर आत्महत्या का रास्ता अपना लेते है...तो वो रास्ता क्या बेहतर है नहीं ना...
इसलिए अपनी मंजिल अपने हिसाब से बनाओ..ना की दूसरो के विचार से...
जो मिले सो तो भला...जो ना मिले वो भी तो भला ही होता है ना ये मैंने नहीं किसीने तो कहा है...🙃#kro dil ki