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परी का प्रेम
ये कहानी है परी की उम्र 8 साल पिता का नाम आकाश वर्मा माता सुमित्रा वर्मा दिल्ली में उसके पिता की एक छोटी सी फैक्ट्री थी जिसे खोलने के लिए उसके पिता ने लोन लिया था आकाश वर्मा का एक छोटा भाई भी उनके साथ घर मे रहता था जिसका नाम था रवि वर्मा ओर उसकी पत्नी का नाम मोनिका वर्मा सब कुछ अच्छा चल रहा था सब एक दूसरे के साथ खुश थे परी के पिता बहुत अच्छे और उदार व्यक्ति थे सबकी मदद करने वाले एक दिन जब वो फैक्ट्री से आ रहे थे उनका भाई रवि उनके साथ था रास्ता वीरान था फेक्ट्री जाने आने के लिये शहर के बाहर जाना पड़ता था उस दिन आते समय उनके पास 40 लाख रुपये थे और सुबह उन्हें वो पैसे बैंक में जमा करवाने थे रवि को पता था आज भैया के ब्रीवकेस में 40 लाख रुपये है उस ने अपने दोस्त के साथ प्लान बना रखा था जिस दिन मोटी रकम होगी उस दिन हम लूट लेंगे और ऐसा ही हुआ जैसे ही गहरे पेड़ो के बीच से गुजरता घुमाव आया रवि ने गाड़ी की स्पीड थोड़ी कम की ओर सामने रवि का दोस्त महमूद सामने आ गया उसके साथ 3 लोग ओर थे उन सब ने उनसे वो पैसे छीन लिए ओर बिना हाथ लगाए वंहा से भाग गए और फिर आकाश ने रवि को गाड़ी पुलिस स्टेशन की तरफ ले जाने को कहा जैसे ही वो पुलिस स्टेशन पहुंचे वंहा उन्हें हवलदार मिला और उसे उन्होंने रिपोर्ट लिखने को कहा हवलदार ने रिपोर्ट लिखी और उन्हें घर भेज दिया उसके बाद काफी दिनों तक आकाश पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाते रहे लेकिन कोई शुराक नही मिला वो पूरी तरह से टूट चुके थे बैंक बार बार नोटिस आ रहे थे और कुछ जलने वाले कहते थे किसी ने नही लूटा इन्हें ये सब लोन ना भरने के बहाने है कुछ दिनों बाद फेक्ट्री भी हाथ से निकल गई अब वो लोगो की बात सुन सुन कर हार चुके थे फिर एक दिन अपने कमरे का दरवाजा बंद करके कोरा कागज लिया ओर क़लम उठाई और लिखा मेरे प्यारे भाई रवि में अब जिंदगी से हार चुका हूँ तुम्हारी भाभी पहले ही कैंसर की वजह से गुजर गई जैसा कि तुमने मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर मेरा साथ दिया है अब में अपने हिस्से की प्रॉपर्टी तुम्हारे नाम कर के जा रहा हूँ आज से मेरी परी का तुम ही ख्याल रखना और खुश रहना और इतना कहकर आकाश ने अपने गले मे रस्सी डाली और खुदखुशी कर ली जब सुबह परी अपने पापा के कमरे की तरफ आई तो उसने खिड़की से देखा उसके पिता पंखे से लटके हुए हैं तो वो रोती हुई अपने चाचा रवि के पास भागी लेकिन वो कुछ बोल नही पा रही थी मानो जैसे किसी ने उसका गला दावा दिया हो वो 8 साल की मासूम ये सब देखकर घबरा गई रवि ने उसे जोर से हिलाया ओर पूंछा बेटा क्या बात है तो परी ने हाथ से इशारा किया रवि भागता हुआ आकाश के कमरे की तरफ आया उसने वो सब देखा तो हक्का बक्का रह गया वो दरवाजा तोड़ने लगा तभी रवि की पत्नी मोनिका वंहा आ गई उसने रवि से कहा दरवाजा मत तोड़ो हम फस जाएंगे मोनिका ने 100 नम्बर पर सूचना दी और पुलिस वंहा आ गई पुलिस ने आकाश की लाश को नीचे उतारा और पोर्स्टमार्टम के लिए भेज दिया और वो खत पड़ा पास ही में रखे प्रोपर्टी के कागजात को रवि को सौंप दिया रवि ने वो सब पड़ा ओर अपने कमरे में जाकर जोर जोर से रोने लगा जैसे ही मोनिका वंहा पंहुची रवि ने मोनिका का गला पकड़ा और कहने लगा तेरी वजह से आज मेरा भाई मेरे साथ नही है अब तो तू खुश है ना चुड़ैल तेरे लालच ने मुझे जानवर बना दिया और मेरे भाई को मार डाला मोनिका ने बड़े प्यार से उसे समझाया ओर कहने लगी अब जो हो गया सो हो गया अब इस राज को राज ही रहने दो मोनिका के कहने पर ही रवि ने अपने भाई को लूटा था
और वो मासूम परी खिड़की के पास खड़ी खड़ी सब सुनती रही लेकिन वो भी क्या करती उसे इतनी समझ नही थी उसके बाद धीरे धीरे समय निकलता गया और 2 महीने हो गए रवि परी को अपने बेटी की तरह प्यार करने लगा ये सब देखकर मोनिका जलती थी 1 महीने बाद मोनिका ने एक लड़के को जन्म दिया और रवि से कहा अगर मुझे और मेरे बच्चे को सही सलामत देखना चाहते हो तो इस लड़की को किसी अनाथ आश्रम में छोड़ आओ रवि को ना चाहते हुए भी ऐसा करना पड़ा वो परी को अनाथ आश्रम ने छोड़ आया परी रोज रात को सिसकियाँ भर भर के रोती थी लेकिन वो और करती भी तो क्या करती उसके चाचा महीने में एक बार उसे मिलने आ जाते थे लेकिन धीरे धीरे समय बीतता गया और चाचा रवि ने वंहा आना बंद कर दिया परी हर महीने की आखिरी तारीख को देर रात दरवाजे पर बैठकर अपने चाचा का इन्तेजार करती लेकिन कोई भी उसे मिलने नही आता वो बहुत दुखी रहने लगी महीने बीते साल बीते अब परी 16 साल की एक खूबसूरत परी बन गई उसकी पढ़ाई भी अच्छे से चल रही थी वो वो नर्सिंग कर रही थी उसे डॉक्टर बनना था जिस से वो लोगो की जान बचा सके बेहद खूबसूरत दिल की साफ एक दम शांत रहने वाली एक दिन वो मार्केट में कुछ सामान लेकर आ रही थी के एक लड़के की नजर उस पर पड़ी वो लड़का था सुशांत सिंह 5 फ़ीट 7 इंच लंबा चौड़ी छाती चेहरे पर चाँद जैसा नूर माथे पर सूर्य जैसा तेज एक दम शांत चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट दिल का एक दम साफ वैसे तो वो कभी गुस्सा नही करता
लेकिन अगर गुस्सा आ जाये तो सारा आसमान सिर पर उठा ले वो एक dj था उसका काम थ dj play करना और लोग को अपनी उंगलियों पर नचाना उसके चारों तरफ हमेशा भीड़ लगी रहती थी इतनी भीड़ के बीच भी वो अपने आप को अकेला महसूस करता था उसने भी अपनी जिंदगी में बहुत से उतार चढ़ाव देखे थे उसने लोगो को बहुत करीब से देखा था वो एक नजर में ही सामने वाले को देखकर भांप जाता था के सामने वाला कितना अच्छा या कितना बुरा है उसने बहुत सी लड़कियां देखी अपनी dj लाइफ में लेकिन उसे कभी ऐसा फील नही हुआ जैसा कि आज हुआ उसने परी को देखा और उसके पीछे हो लिया चलते चलते वो अनाथ आश्रम पहुंच गए और परी अंदर चली गई और फिर सुशांत भी वंहा से निकल लिया वो घर तो पहुंच गया लेकिन उसका दिल उसके पास नही था पूरी रात करवटें बदलते रहा लग रहा था जैसे उसके जिस्म से जान निकल गई वो उसे फिर से देखना चाहता था लेकिन कैसे वो सुबह फिर से अनाथ आश्रम के पास पहुँच गया और इन्तेजार करता रहा कब परी बाहर आये और वो उसे देखे लेकिन परी नही आई वो बस अपने कमरे में बैठकर अपनी जिंदगी के बारे में सोचती रहती थी सुशांत वंहा से चला गया दूसरे दिन वो फिर आया और बाहर खड़ा हो गया तेज धूप में वो बाहर खड़ा अनाथ आश्रम की तरफ देखता रहा अचानक से परी ने उसे खिड़की से देखा उस लड़के की आंखों में हल्की सी नमी थी और एक उम्मीद साफ साफ दिख रही थी जब परी बाहर नही आई तो सुशांत वंहा से चला गया और फिर कभी वंहा नही लोटा वो सोचता था अगर वो मेरी किस्मत में है तो मुझे जरूर मिलेगी ऐसा ही हुआ वो कभी कभी उसे बाजार में दिख जाती थी परी भी उसे देखकर हल्की सी मुस्कान देकर चली जाती देखते ही देखते 1 साल बीत गया लेकिन उन दोनों ने एक दूसरे से कुछ नही कहा फिर एक दिन बाजार में वो दोनों मिले ओर परी ने उसे पूंछा के आप मुझे देखकर क्यो हंसते हो और एक साल पहले आप अनाथ आश्रम के बाहर आये थे लेकिन उसके बाद कभी नही आये ऐसा क्यों तो सुशांत बोला के में सच कहूँ तो में आपको पसंद करता हूँ अगर आप भी मुझे पसंद करती है तो में आपसे शादी करना चाहता हूं परी ने जब ये सुना तो उसे कुछ सोचने का मौका नही मिला उसने देखा ये जानते हुए के में एक अनाथ हूँ ये मेरी राय ले रहा है और वो भी शादी के लिए बोल रहा है आज कल ऐसे जमाने मे लोग पहले gf बनाते है फिर जिस्म से खेलते है और आखिरी में जब मन भर जाए तो breakup इसलिए वो मना नही कर पाई परी ने कहा पहले आप मेरे बारे में सब कुछ जान लीजिए उसके बाद मुझे शादी के लिए बोलना सुशांत ने कहा आप कौन हो क्या हो कँहा से हो मुझे कोई फर्क नही पड़ता में आपसे सच्चा प्यार करता हूँ मै यंहा सौदा करने नही आया हूँ लेकिन आप फिर भी कुछ बोलना चाहती है तो बोलिये परी ने उसे सब कुछ बता दिया ये सब सुनकर सुशांत की आंखों में आँशु आ गए और कहा आपने आज तक जो कुछ सहा उसे तो में ठीक नही कर सकता लेकिन आने वाले हर पल में आपको प्यार देना चाहता हूं आपका हर सपना मेरा सपना होगा इतना सुनते ही परी ने उसे हाँ कह दिया सुशांत वंहा से चला गया और घर वालो को सारी बात बताई तो घर वालो ने उसे साफ इंकार कर दिया कहा के एक तो नीचे कुल से ओर ऊपर से अनाथ आश्रम में रहती है पता नही किसकी औलाद है सुशांत ने कहा अब ये जातियां केसी पापा इंसान अच्छा है या बुरा ये मायने रखता है ना कि जातियाँ में शादी उसी से करूँगा पापा ये सुनते ही उसके पिता ने उसे घर से निकाल दिया जब परी को ये बात पता चली तो उसने सुशांत को एक दिन मंदिर में बुलाया और दोनों ने शादी कर ली उसके बाद वो दोनों दूसरे शहर चले गए परी एक डॉक्टर बन गई और अपना काम संभालने लगी ईंधर सुशांत अपना dj का काम संभालने लगा आज वो दोनों खुश है और उन दोनों के दो बच्चे है अब वो दोनों खुश है

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