बहू लक्ष्मी
बहु लक्ष्मी..
आज हर कोई उसकी तारीफ़ करते नहीं थकता था... आस पड़ोस नाते रिश्तेदार सब उसे बहु लक्ष्मी कहने लगे... लेकिन जब वो पहली बार पिया घर आई तब किचिन में पैर रखते ही उसके हाथ पाँव फूल जाते थे क्योंकि अपने माता पिता के घर लाड़ों में पली बढ़ी थी.. अब विवाह के दस साल हो चले... मगर घर में उसकी सास ने आज तक कभी उसकी तारीफ़ नहीं की.. शायद इसी वज़ह से बहू को सास खटकती थी. मगर पति जो मातृ भक्त था.. इसलिये बहू मजबूर.. घर का सारा काम करने के बाद अपनी सास की भी सेवा उसे ही...
आज हर कोई उसकी तारीफ़ करते नहीं थकता था... आस पड़ोस नाते रिश्तेदार सब उसे बहु लक्ष्मी कहने लगे... लेकिन जब वो पहली बार पिया घर आई तब किचिन में पैर रखते ही उसके हाथ पाँव फूल जाते थे क्योंकि अपने माता पिता के घर लाड़ों में पली बढ़ी थी.. अब विवाह के दस साल हो चले... मगर घर में उसकी सास ने आज तक कभी उसकी तारीफ़ नहीं की.. शायद इसी वज़ह से बहू को सास खटकती थी. मगर पति जो मातृ भक्त था.. इसलिये बहू मजबूर.. घर का सारा काम करने के बाद अपनी सास की भी सेवा उसे ही...