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चाय की टपरी पर वोट की चर्चा
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी।
सुबह से शाम हो जाती है पर इस मुद्दे पर बात चलती ही रहती है।इस मुद्दे पर गांव वाले चाय के टपरी में दो हिस्सों में विभाजित हो जाते हैं और अपने अपने विचार सबके समक्ष रख रहे होते हैं।उनमें से कुछ नौजवान पीढ़ी के युवक भी होते हैं।कुछ तो भाजपा के हक में और कुछ कांग्रेस के हक में हम बोल रहे होते हैं।
‌ बनवारी लाल जो कि भाजपा के विपक्ष में थे। तो वहीं दूसरी और दूसरा दल कांग्रेस के विपक्ष में बोल रहे थे। चाय की टपरी में बैठा हर एक शख़्स जिस भी दल को सपोर्ट कर रहा था ।उसके बारे में अपने विचार और राय सबके समक्ष रख रहा था। हर एक विरोधी दल एक दूसरे के बुराईयां गिना रहे थे।
बनवारी लाल कहते हैं।जब से भाजपा सरकार खड़ी हुई है।तब से मोदी सरकार और भाजपा सरकार ने मिलकर देश की बहुत उन्नति की है।तो यह सुनकर वहीं दूसरी तरफ जो भाजपा के विरुद्ध थे।वह भाजपा की सरकार की बुराई पर बुराई कर रहे थे। वो लोग कांग्रेस सरकार को अच्छा मानते हैं। और कहते हैं कांग्रेस सरकार ने आज तक देश के सभी नागरिकों के बारे में बहुत अच्छा सोचा है। उनके हित में फैसले लिए हैं।पर मोदी सरकार जब से आई है।तब से देश का भविष्य किसी और ही जाता हुआ दिखाई दे रहा है।
जब इन मुद्दों पर ज्यादा गहमा-गहमी होने लगती है।तब बनवारी लाल सब को समझाते हुए कहते हैं। की हमारा देश लोकतंत्र देश है।यहां पर हर किसी को बोलने की पूरी आजादी है। पर यहां पर बैठकर फालतू की बहस करने से क्या ही होगा।
जो भी जिस दल को सपोर्ट करता है।उसे करता रहे। आपस में बहसने से कुछ नहीं होगा। बनवारी लाल के बात सुनकर दोनों पक्ष शांत हो गएऔर अपने अपने घरों को चल दिए।