चर्चाओं का दौर..
चर्चाओं का दौर...
आज का दौर.. कितना अजीब दौर
क्या कुछ नहीं हो रहा फिर भी दौड़ रहा
कुछ होनी अनहोनी घटना घटी नहीं,कि चर्चा शुरू..
कभी काले धन पर कभी सरहद पर
कभी सियासत पर कभी मजहब पर
बेसुमार चर्चाएं टीवी पर मोबाइल पर
ऑफिस पर घर पर..
कोई अच्छा कह गया तो हीरो
कोई बुरा कह गया जीरो.. कितना आक्रोश होता है
जब कोई अप्रत्याशित अनहोनी...
आज का दौर.. कितना अजीब दौर
क्या कुछ नहीं हो रहा फिर भी दौड़ रहा
कुछ होनी अनहोनी घटना घटी नहीं,कि चर्चा शुरू..
कभी काले धन पर कभी सरहद पर
कभी सियासत पर कभी मजहब पर
बेसुमार चर्चाएं टीवी पर मोबाइल पर
ऑफिस पर घर पर..
कोई अच्छा कह गया तो हीरो
कोई बुरा कह गया जीरो.. कितना आक्रोश होता है
जब कोई अप्रत्याशित अनहोनी...