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शर्त एक कहानी
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
बड़ी हवेली काफी पुरानी व डरावनी थी।इसलिए लोग वहाँ जाने से डरते थे।
मगर चंदन ने तो शर्त लगा ली थी अब तो जाना ही था। वह शर्त पूरी करने के लिए हवेली की तरफ चल पड़ा। जैसे जैसे वह आगे बड़ रहा था। वैसे वैसे डर के कारण पसीने छूट रहे थे।
मगर शर्त लगाई थी क्या करते।
वह आगे बड़ा हवेली का गेट बंद था वह हिम्मत कर गेट खोलने लगा तभी एक डरावना
आदमी वहाँ आ गया।और चंदन को पकड़ने के लिये आगे बड़ा।चंदन ने उस व्यक्ति को देखा तो डर के मारे आम लाने का ख्याल उसके मन से निकल गया और वह वहाँ से भागा।भागते भागते वह वापस अपने दोस्तों के पास आ गया।दोस्तों ने कहा ," कहो , आम ले आये ।" चंदन ने कहा,"नहीं वहाँ पर तो कोई भूत रहता है। मै तो जान बचा कर भाग निकला ।" उसके दोस्तों ने कहा,"तुम तो शर्त हार गये।" "आम तो आये ही नहीं।"
चंदन ने कहा ," मगर मेरी हिम्मत तो देखो, जिंदा हुँ मै।"
उसके दोस्त बोले, " क्या हिम्मत ! वो भूत नहीं , हममेसे ही एक था, तुम को डराने के लिए ।" यह कह कर वे सब हंसने लगे।और चंदन का मजाक बन गया।

© sangeeta ki diary