इक शख्स मोहब्बत।।
तू 🤵मुझमे इस कदर था।।
की हम जब भी रोतें थे ।।
तो तेरी बातें ही हमको हंसती थीं।।
और हम थें कि तेरा प्यार ❤समझ नही पाये
तू चल गया इस कदर।।
ये बात हम अपनी हसीं क़ो न बात पाये।।
और लोग हमकों पागल समझ बैठे।।
यही बात हम तुझे समझा नहीं पाये।।
तूने एकदफा पीछे मुड़कर देख ही नहीं।।
हम तो दफ़न हो गये थे उस जगह।।
जहाँ तुम छोड़कर गये थे एकदफा।।
बस यही बात हम अपनी मौत को न समझा पाये
जिस तरह।।
कैसा यही बात तुम समझे होते उस वक्त।।
तो हम दफ़न न होते
उस क़ब्र मे उस जगह ।।
vrinda ✍️
© All Rights
की हम जब भी रोतें थे ।।
तो तेरी बातें ही हमको हंसती थीं।।
और हम थें कि तेरा प्यार ❤समझ नही पाये
तू चल गया इस कदर।।
ये बात हम अपनी हसीं क़ो न बात पाये।।
और लोग हमकों पागल समझ बैठे।।
यही बात हम तुझे समझा नहीं पाये।।
तूने एकदफा पीछे मुड़कर देख ही नहीं।।
हम तो दफ़न हो गये थे उस जगह।।
जहाँ तुम छोड़कर गये थे एकदफा।।
बस यही बात हम अपनी मौत को न समझा पाये
जिस तरह।।
कैसा यही बात तुम समझे होते उस वक्त।।
तो हम दफ़न न होते
उस क़ब्र मे उस जगह ।।
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