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युवा पीढ़ी पर सोशल मीडिया का प्रभाव
आजकल हम बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन और उन्हें सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए देख सकते हैं। युवा पीढ़ी पर सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। 'युवा पीढ़ी' और 'सोशल मीडिया', यह दोनों शब्द एक दूसरे से कितना जुड़ गए हैं, यह उनके सोचने के तरीके और उनके स्वभाव से स्पष्ट प्रदर्शित होता है। पुराने समय में जहां विद्यार्थियों को किसी भी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए घंटों लाइब्रेरी में बैठकर किताबों के पन्ने पलटते हुए देखा जाता था, वहां उन्हें अब सोशल मीडिया के जरिए कुछ ही सेकंड में कोई भी जानकारी प्राप्त हो जाती है। सोशल मीडिया के जरिए युवा पीढ़ी को अपनी कला दिखाने के लिए हजारों लाखों मंच मिल रहे हैं, साथ ही विभिन्न प्रकार की कला को सीखने के लिए सोशल मीडिया बहुत उत्पादक साबित हो रहा है। कोविड-19 के दोरान विद्यार्थियों को थोड़ा संघर्ष का सामना करना पड़ा है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए पढ़ाई जारी रही है, और उन्हें पढ़ने के लिए एक नए तरह के अनुभव की अनुभूति हुई हैं।

देखा जाए तो सोशल मीडिया ने पूरी दुनिया को एक साथ जोड़कर रखा हुआ है। आज हमें दुनिया के किसी भी हिस्से की कोई भी जानकारी तुरंत सोशल मीडिया के जरिए तुरत मिल जाती है और हम उस जानकारी के जरिए तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दिखा सकते हैं। युवा पीढ़ी अब किसी भी विषय पर अपनी राय व्यक्त करने में सक्षम है, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उनमें उत्साह को बढ़ते हुए देखा जा सकता है। युवाओं को आसानी से नौकरियों संबधी जानकारी और अवसर प्राप्त हो रहे हैं। उन्हें अपनी कला को विकसित करने के साथ ही अन्य नवीन विषयों पर कारोबार स्थापित करने की जानकारियां भी प्राप्त हो रही हैं। सोशल मीडिया के जरिए युवा पीढ़ी में जागरूकता और जिज्ञासा को बढ़ते हुए देखा जा सकता है। युवा पीढ़ी में सोशल मीडिया के जरिए अनेकों मुद्दों पर आसानी से अपनी राय व्यक्त की है और विभिन्न प्रकार की नई-नई कलाओं में उत्पादकता हासिल करके देश दुनिया को प्रभावित किया है। समाज, देश और दुनिया में बहुत तरह के सकारात्मक प्रभाव सोशल मीडिया के सही उपयोग के कारण हुए हैं।
वही दूसरी ओर युवा पीढ़ी पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी पढ़े हैं। सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करने के कारण उनके स्क्रीनिंग टाइम मैं बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से उनके मस्तिष्क और दृष्टि पर कुप्रभाव पड़ रहे हैं। देर रात तक मोबाइल पर सोशल मीडिया पर वक्त बिताने से उनके सोने के समय में गिरावट आई है। कम सोने की वजह से अनेकों प्रकार की बीमारियां पहले से ही रही हैं, और अब और भी नई नई बीमारियां उत्पन्न होने लगी है। सोशल मीडिया का अधिक उपयोग शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते हैं। युवा पीढ़ी अपनी वास्तविक जिंदगी की तुलना अन्य लोगों से करके चिंता और डिप्रेशन की शिकार हो रही है। जहां सोशल मीडिया युवाओं को पूरी दुनिया से जोड़ने का काम कर रही है वही उन्हें उनके अपने घर वालों और दोस्तों से दूर करके अकेलेपन का शिकार बना रही है। इसके साथ ही, साइबर बुलींग और गोपनीयता संबंधी मुद्दे भी है जो युवा पीढ़ी को विभिन्न प्रकार से अपना शिकार बना रहीं हैं।

सोशल मीडिया युवाओं पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभाव डाल रही हैं, और यह एक बहुत गंभीर विषय है सोशल मीडिया के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए। जंगल की आग की तरह बढ़ती हुई सोशल मीडिया की लहर युवाओं को किस तरह प्रभावित कर रही हैं और किस तरह प्रभावित करनी चाहिए इस विषय पर चर्चा करना अति आवश्यक है। युवाओं को अपने करियर और पढ़ाई के साथ साथ अपनी शारीरिक और मानसिक अवस्था पर भी ध्यान देना होगा जोश इस सोशल मीडिया के इस्तेमाल से दिन-ब-दिन गिरती जा रही है। यदि युवा सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपनी पढ़ाई लिखाई करने के लिए,अपनी कला को विकसित करने के लिए अथवा कारोबार संबंधी जानकारी के लिए करता हैं तो कम से कम मनोरंजन के साधन उन्हें शारीरिक व्यायाम, नाच गाना और घर के बाहर खेले जाने वाले खेलों से प्राप्त करने चाहिए। असल जिंदगी में दोस्त बनाने चाहिए और अपने परिवार के साथ वक्त बिताना चाहिए। नए नए लोगो से मिलकर उसकी रुचि और स्वभाव को परखकर अपने जीवन में सकारात्मक और स्वस्थ प्रवर्तन लाने के प्रयास करने चाहिए।


© Sunita Saini (Rani)