...

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प्रयास यही हो हमारा

मैं मंदिर की सीढ़ियां चढ़ रहा था और एक जुलूस वहाँ
रुका मैंने सीढ़ियों से उतरते गोपालजी को देखा उनके हाथ में सीधे की थाली थी उनके घर पर सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन होगा यही सोच मैं वही साइड में खड़ा हो गया ।

उन्होंने एक नज़र मुझको देखा मैंने भी विनत भाव से उन्हें देखा लेकिन उन्होंने देखकर मुँह फेर लिया वे साथ आए उनके किसी मेहमान से बाते करते हुए बढ़ गए ।

किसी ने मुझे बताया कि इनके छोटे बेटे प्रदीप की शादी है
मैंने सोचा कि समाजजन है घर पर बुलावा आएगा ही और
मैं अपनी रौ में बहता घर चला आया ।
घर पर प्रसाद लेने का बुलावा आया होगा घर पर भी कोई बुलावा नहीं था ।
हमने कहा ठीक है उनकी मर्जी वे जिसे चाहे बुलाए जिसे चाहे न बुलाए और बात आई गई हो गई ।

एक दिन गुप्ताजी जो कि उनके पड़ोसी और मेरे मित्र है उन्होंने कहा कि आज तो हम गोपालजी के यहाँ भोजन के
निमंत्रण पर गए थे आप वहाँ दिखे नहीं अरे आप क्या आपके समाज के किसी व्यक्ति को मैंने वहाँ नहीं देखा ।
हम ही आसपास के गिनेचुने लोग थे बस ।क्या पता क्यूं
समाज जनों को नहीं बुलाया इनने ।

देखिए गुप्ताजी ये अपनी अपनी व्यवस्था है अपने अपने कारण हैं हम क्यों दुबले हो ? मैंने कहा ।
गुप्ताजी बोले कि आपको याद है एक बार हमारी पड़ोसन आपके यहाँ आपके साले साहब की लड़की का विवाह प्रस्ताव लेकर आई थी फिर सारी औपचारिकताओं के बाद भी इनके लड़के का संबंध नहीं हो पाया ।

मैंने कहा तो इसका निमंत्रण बुलावे से क्या सम्बन्ध हैं
उन्होंने कहा है यह परिवार इस डर से समाज जनों को नहीं बुला रहा कि कहीं कोई चुगली करके सम्बन्ध न तुड़वा दें इस अवसाद से ग्रसित है ।मुझे तो यही कारण लगता है ।

मैंने कहा कि देखिए जमाने के अनुसार व्यक्ति अपना निर्णय लेता है इससे किसी को एतराज नहीं होना चाहिए ।
हो सकता है अतीत का उनका अनुभव ऐसा रहा हो पर अब तो शादी हो गई है खुश होंगे न गोपालजी ।

हाँ हाँ बहुत ख़ुश है बहुत खुश है । गुप्ताजी बोले ।
मैंने बात समाप्त करते हुए कहा कि उनकी ख़ुशी में वह ख़ुश रहे अपनी खुशी में हम ख़ुश रहे ।

यही जीवन है हाँ एक बात और कहना चाहूँगा कि सुख के साथ दुःख में भी पड़ोसी ही खड़ा रहता है सर्वप्रथम हमारे साथ ।अच्छा हो या बुरा पड़ोसी ही हमारा निकटवर्ती हाेता है अतएव मैत्री भाव रहें सभी से प्रयास यहीं हो हमारा कि
इस भाव को पुनर्जीवित रखें ।
यही सच्चा मैत्री और प्रेमभाव होना चाहिए हमारा ।
.हम कोशिश यही करें कि अपनी धुन में मस्त रहे सभी ,अपना सपना ,अपनी हकीकत अपने कर्म में रखें अकीदत यही जीवन हो जीवन का यही प्रयास हो हमारा !!

-MaheshKumar Sharma
27/12/2022
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