बरामदे की रौनक
हम उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर शाहजहांपुर मे रहते हैं जहा हमारा एक प्यारा सा घर है और उस घर की रौनक है वो बरामदा जहा है एक यादगार डाइनिंग टेबल और वो चार कुर्सियां जो हमे याद दिलाती है हमारे स्वर्गीय पिता जी की जिन्होंने एक सरकारी बैंक में क्लर्क की नौकरी कर यह बरामदा अपने पैसों से सजाया और अपने सपनो का एक घर बनाया जिसकी रौनक थी यह पुरानी डाइनिंग टेबल और कुर्सियां जिसपे बैठ कर वो खाया करते थे उसी बरामदे हमारा बचपन बीता और देखते देखते जिंदगी के तीस बत्तीस वर्ष...