खीर
शाम के पाँच बजे थे। डोरबैल बजी तो खुशी के चेहरे पर मुस्कान आ गई। शालिनी को देखते ही खुशी उससे लिपटकर बोली, "माँ, मैं ऑनलाइन कविता गायन प्रतियोगिता में प्रथम आई हूँ।"
थकी हुई शालिनी भी हौले से मुस्कुरा दी और बोली, "अच्छा बेटा पहले पानी दे दे और फ़िर चाय बना दे। सुन बेटा मेरे बैग से लंच बाक्स भी निकाल दे और चाय की थरमस भी।"
बैग में से सामान निकालते हुए खुशी बोली, "आज चाय नहीं पी आपने! खाना भी बचा हुआ है। कितनी बार कहा कि काम करो पर अपने खाने पीने...
थकी हुई शालिनी भी हौले से मुस्कुरा दी और बोली, "अच्छा बेटा पहले पानी दे दे और फ़िर चाय बना दे। सुन बेटा मेरे बैग से लंच बाक्स भी निकाल दे और चाय की थरमस भी।"
बैग में से सामान निकालते हुए खुशी बोली, "आज चाय नहीं पी आपने! खाना भी बचा हुआ है। कितनी बार कहा कि काम करो पर अपने खाने पीने...