सोशल मीडिया और जय मौसी संवाद
जय : मौसी, अच्छे लेखकों को प्रोत्साहित कर दिया करो। दुआएं लगेगी।
मौसी: देखो बेटा, सबके पोस्ट पढ़ती हूं, कमेंट भी करती हूँ। हर किसी के पोस्ट पर जाती हूँ, पर लोग मेरे पोस्ट का रास्ता भूल जाते है।
जय: अरे मौसी! बाबू शोना में व्यस्तता के कारण लोग आपकी पोस्ट पर नही आ पाते होंगे। वैसे दिल से सभी आपको चाहते है।
मौसी: अब बाबू शोना का चक्कर भी चलने लगा है क्या यहां?
जय: चक्कर तो नही बोल सकते मौसी, ये शुद्ध प्रेम है। नादान मन है तो चार पांच से सच्चा...
मौसी: देखो बेटा, सबके पोस्ट पढ़ती हूं, कमेंट भी करती हूँ। हर किसी के पोस्ट पर जाती हूँ, पर लोग मेरे पोस्ट का रास्ता भूल जाते है।
जय: अरे मौसी! बाबू शोना में व्यस्तता के कारण लोग आपकी पोस्ट पर नही आ पाते होंगे। वैसे दिल से सभी आपको चाहते है।
मौसी: अब बाबू शोना का चक्कर भी चलने लगा है क्या यहां?
जय: चक्कर तो नही बोल सकते मौसी, ये शुद्ध प्रेम है। नादान मन है तो चार पांच से सच्चा...