मनहूस गरजू चाचा
"बाबू साहेब 500 रूपया चाहिए था, वो मालतीया के माई बीमार हवे "गरजू ने अखिलेश सिंह से बड़े दीन भाव से विनती की!
अरे राजू दूसरा कपड़ा ले के आ मनहूस ने सुबह -सुबह टोक दिया | देख रहा हैँ कि जतरा पर जाने के लिए तैयार बैठे हैँ |"
अखिलेश सिंह एक बड़े व्यापारी थे | अथाह पैसा था, सोचा पैसा तो खूब कमा लिए अब जरा नाम कमाया जाय, इसलिए राजनीती में आने का सोच रहे थे |...
अरे राजू दूसरा कपड़ा ले के आ मनहूस ने सुबह -सुबह टोक दिया | देख रहा हैँ कि जतरा पर जाने के लिए तैयार बैठे हैँ |"
अखिलेश सिंह एक बड़े व्यापारी थे | अथाह पैसा था, सोचा पैसा तो खूब कमा लिए अब जरा नाम कमाया जाय, इसलिए राजनीती में आने का सोच रहे थे |...