" क्या लिख, क्या बन गए "
सच लिखा ! ईमान बन गए ...
झूठ लिखा ! बेईमान बन गए...
नाम लिखा ! पहचान बन गए ...
मौत लिखी ! अंजाम बन गए ...
हंसी लिखी ! मुस्कान बन गए ...
फतवा लिखा ! फ़रमान बन गए....
आसूं लिखे ! दर्द बन गए ...
धर्म लिखा ! भगवान बन गए ....
कर्म लिखा ! इंसान बन गए ....
नर्म लिखा ! शांत बन गए ....
इश्क़ लिखा ! मोहब्बत बन गए ....
नफरत लिखी ! दुश्मन बन गए ....
मौन लिखा ! एकांत बन गए ....
दर्द लिखा ! आराम बन गए ....
ज़ख्म लिखे ! बाम बन गए ....
खत लिखा ! पैग़ाम बन गए ....
सरल लिखा ! आम बन गए ....
मित्र लिखा ! साथ बन गए ....
उलझन लिखी ! परेशान बन गए ....
इज्ज़त लिखी ! सम्मान बन गए ....
माया लिखी ! मोह बन गए ....
काम लिखा ! भोग बन गए ....
शोषण लिखा ! अत्याचार बन गए ....
पोषण लिखा, खुराक बन गए ....
कसरत लिखी ! योग बन गए ....
तकनीक लिखी ! प्रयोग बन गए ....
दुआ लिखी 🤲 ! मुराद बन गए ....
तीरथ लिखा ! शुद्ध बन गए....
लड़ाई लिखी ! युद्ध बन गए ....
कलम लिखी ! तलवार बन गए ....
दवा लिखी ! वैद बन गए ....
जेल लिखी ! क़ैद बन गए ....
दारू लिखी ! शराब बन गए ....🥃🥂,
दिए लिखे 🪔 ! त्योहार बन गए ....
जज़्बात लिखे ! शायर बन गए,
डर लिखा ! कायर बन गए ....
बंदूक लिखी ! डायर बन गए,
अहम लिख ! अभिमान बन गए ....
हार लिखी ! अपमान बन गए,
जीत लिखी ! सम्मान बन गए....
कानून लिखा ! बयान बन गए,
किराया लिखा ! मकान बन गए,
ज़िंदगी लिखी ! मेहमान बन गए ....
ज़हर लिखा ! तेज़ाब बन गए ,
गाली लिखी ! ख़राब बन गए ....
दंगे लिखे ! हैवान बन गए ,
कीमत लिखी ! खरीदार बन गए ....
रचना लिखी ! कदरदान बन गए ,
गीत लिख ! नगमा बन गए ....
धुन लिखी ! फनकार बन गए,
राज लिखा ! दरबार बन गए ....
एकता लिखी ! परिवार बन गए,
दुश्मनी लिखी ! गद्दार बन गए ....
वोट लिखी ! सरकार बन गए,
धरती लिखी ! किसान बन गए ....
देश लिखा ! जवान बन गए,
लहू लिखा ! बलिदान बन गए....
सुखविंदर ✍️🌄✍️
© Sukhwinder
#writco #writer #vision #story #microtale #diary #Writing #lifelesson
झूठ लिखा ! बेईमान बन गए...
नाम लिखा ! पहचान बन गए ...
मौत लिखी ! अंजाम बन गए ...
हंसी लिखी ! मुस्कान बन गए ...
फतवा लिखा ! फ़रमान बन गए....
आसूं लिखे ! दर्द बन गए ...
धर्म लिखा ! भगवान बन गए ....
कर्म लिखा ! इंसान बन गए ....
नर्म लिखा ! शांत बन गए ....
इश्क़ लिखा ! मोहब्बत बन गए ....
नफरत लिखी ! दुश्मन बन गए ....
मौन लिखा ! एकांत बन गए ....
दर्द लिखा ! आराम बन गए ....
ज़ख्म लिखे ! बाम बन गए ....
खत लिखा ! पैग़ाम बन गए ....
सरल लिखा ! आम बन गए ....
मित्र लिखा ! साथ बन गए ....
उलझन लिखी ! परेशान बन गए ....
इज्ज़त लिखी ! सम्मान बन गए ....
माया लिखी ! मोह बन गए ....
काम लिखा ! भोग बन गए ....
शोषण लिखा ! अत्याचार बन गए ....
पोषण लिखा, खुराक बन गए ....
कसरत लिखी ! योग बन गए ....
तकनीक लिखी ! प्रयोग बन गए ....
दुआ लिखी 🤲 ! मुराद बन गए ....
तीरथ लिखा ! शुद्ध बन गए....
लड़ाई लिखी ! युद्ध बन गए ....
कलम लिखी ! तलवार बन गए ....
दवा लिखी ! वैद बन गए ....
जेल लिखी ! क़ैद बन गए ....
दारू लिखी ! शराब बन गए ....🥃🥂,
दिए लिखे 🪔 ! त्योहार बन गए ....
जज़्बात लिखे ! शायर बन गए,
डर लिखा ! कायर बन गए ....
बंदूक लिखी ! डायर बन गए,
अहम लिख ! अभिमान बन गए ....
हार लिखी ! अपमान बन गए,
जीत लिखी ! सम्मान बन गए....
कानून लिखा ! बयान बन गए,
किराया लिखा ! मकान बन गए,
ज़िंदगी लिखी ! मेहमान बन गए ....
ज़हर लिखा ! तेज़ाब बन गए ,
गाली लिखी ! ख़राब बन गए ....
दंगे लिखे ! हैवान बन गए ,
कीमत लिखी ! खरीदार बन गए ....
रचना लिखी ! कदरदान बन गए ,
गीत लिख ! नगमा बन गए ....
धुन लिखी ! फनकार बन गए,
राज लिखा ! दरबार बन गए ....
एकता लिखी ! परिवार बन गए,
दुश्मनी लिखी ! गद्दार बन गए ....
वोट लिखी ! सरकार बन गए,
धरती लिखी ! किसान बन गए ....
देश लिखा ! जवान बन गए,
लहू लिखा ! बलिदान बन गए....
सुखविंदर ✍️🌄✍️
© Sukhwinder
#writco #writer #vision #story #microtale #diary #Writing #lifelesson