...

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मेरी जिन्दगी का एक पल
कुछ कमी है मुझमे शायद जाहिर ना कर पाने की मैं हमेशा भूल जाता हु कि कलयुग हे ये यहा सबकुछ दिखाना पडता हे जाहिर करना पडता है, बिना दिखाये मेने प्यार कर लिया, नासमझ कही का, पागल कही का । नादान ही तो हु जो समझा ना सका की मैं तुमसे कितना प्यार करता हु । खैर अब क्या अब भला क्या हो सकता हे । प्यार तो मेने किया था ना ओर इस शर्त पर नही की तुम भी करो । प्रेम मे शर्ते कहा होती है ये मै अच्छी तरह जानता हु । बाकी मै तुमसे प्रेम करता हु ओर करता रहुगा इसलिए मेरा मशवरा हे तुम्हारे लिए भविष्य मे कभी किसी से प्रेम करो बेशर्त करना वरना शर्त खत्म होने पर तुम्हारी कोई वेल्यु नही रहेगी । ओर आखिरी बात जो हमेशा बोलता हु जब भी कोई दिक्कत हो बोल देना मै हमेशा मदद करूगा ।
© Bannasa008