...

3 views

वो काली रात....
"वो काली रात.."
विकास एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था तो उसे काम से घूमना पड़ता था!इस बार भी वो काम के सिलसिले में जा रहा था मगर इस बार नयी बात यह थी कि वो उस जगह पहली बार जा रहा था. विकास देहरादून से ट्रेन में निकला था गोरखपुर के लिए! रेल् में उसे कुछ दोस्त भी मिले तो सफर बातों बातों में गुजर गया पता ही नहीं चला मगर विकास को अंदाजा भी नहीं था कि नयी जगह में आज रात कुछ नया होने वाला था!
पहुंचते पहुंचते रात के 10 बज चुके थे!
वो रेल्वे स्टेशन से बाहर निकला फिर आगे बढ़ा होटल की तलाश में. शहर नया था तो थोड़ी सी घबराहट तो थी विकास के मन में!सर्दियों का मौसम था और धुन्ध भी बहुत थी!विकास होटल ढूंढने लगा और ढूंढते रात का 1 बज चुका था मगर कहीं भी ठहरने का इंतजाम नहीं हो पाया!विकास अब परेशान हो गया था बहुत और होटल की तलाश में पूरा शहर छान ड़ाला था अब तक!
वो धुन्ध में आगे बढ़ा और आगे पीछे कुछ भी नहीं दिख रहा था!एक गाड़ी वाला गुजर रहा था और बिकास को देख कर रुक गया!विकास से उसने पूछा कि इतनी रात आप अकेले कहाँ जा रहे हो! यह जगह रात में सुरक्षित नहीं है!विकास ने अपनी कहानी सुनाई!फिर उस आदमी ने मदद करने को कहा चलिए में यहां होटल जानता हूं और विकास भी होटल की उम्मीद में उसके साथ गाड़ी में बैठ गया! फिर उस आदमी ने विकास को एक सुन्दर अच्छे होटल के बाहर उतार दिया!विकास जैसे ही 2 कदम् आगे बढ़ा और उसने पिछे मुड़ के देखा तो गाड़ी और वो आदमी एक दम से गायब हो चुके थे!फिर विकास होटल के अंदर गया और काउन्टर पर जाकर आवाज लगायी मगर कोई नहीं आया फिर थोड़ी देर बाद एक बुजुर्ग आदमी आया!विकास ने उसको पूछा के रूम मिलेगा क्या?उस आदमी ने अपना सर हिलाया मगर फिर विकास हैरान हो गया कि इतना बड़ा होटल और रूम इतने कम रुपये में कैसे? खैर विकास बहुत थक चुका था फिर उसने रूम की चाबी ली और रूम की तरफ चलने लगा और हैरान था कि होटल में और कोई भी आदमी नहीं दिखा!खैर विकास ने इन् बातों को इग्नोर कर दिया और अपने कमरे में चला गया!कमरा बहुत साफ़ था. विकास ने फोन पर पूछा कि कुछ खाने को मिलेगा और खाना होटल में तयार था. विकास ने रूम ओपन ही रखा था कि खाना आए तो उसे दोबारा उठना ना पड़े!और खाने के इंतजार में विकास को नींद आ रही थी क्यूंकि रात के 2:30 ;बज चुके थे!खाना भी आ गया मगर विकास आधी नींद में था तो वो बिना खाना खाए ही सो गया!
विकास की जब आंख खुली तो आँखों खुलते ही वो जैसे हका बका हैरान परेशान हो गया!
वो सोया तो था होटल में था रात को मगर अब जब आंख खुली तो वो एक श्मशान में सोया था और जो खाना उसको आया था उसमें चावल की जगह पत्थर थे और दाल सभी की जगह कांटे घास था और पानी की जगह खून था ग्लास में!
विकास खुशनसीब था शायद के नींद की वजह से उसने वो खाना नहीं खाया नहीं तो पता नहीं क्या होता!!
© मैं और मेरे अल्फाज़