...

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काश कोई तो आजाये •••
आज अकेलेपन का और जादा एहसास हुआ
थोड़ा कैद, थोड़ा सा बंदिशों का एहसास हुआ
अंधेरों में घुटन, जैसे नंगे पाव में काटो की चुभन,
ना किसी ने साथ निभाया था
ना किसी ने अपनाया था
बस बेमतलब के अल्फाजों में मेरी अहमियत को दफनाया गया था,
थोड़ा सा थक हारकर जब...