...

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मददगार रहो
वो स्कूल के दिन थे।मैं वैसे ही रोज का आटो से घर जा रहा था।सब वैसा ही था कुछ खास नहीं। लेकिन आधा रास्ता पार ही हुआ तो आटो वाले ने एक बच्चे को रोड पर देखा।उसने भी आटो रोक उसकी मदद के लिए उसे कहा ," घर जाओ "। मैंने देखकर इगनोर किया।

लेकिन तब ही सोचा ऐसा कुछ मेरे साथ होता तो। उस बच्चे की जगह मैं होता तो। तब ही मैंने आटो वाले को रुकने को कहा। फिर उसे पैसे दे,मैं उस बच्चे की तरफ चल गया।

मैं उसके पास जा कर पूछाँ," बेटा! आपका नाम क्या है "। वो परेशान था और बस अपने पापा...