My beautiful struggle 🖤
#WritcoStoryPrompt115
1000 सालों पीछे मेक बर्फीले पहाड़ के नीचे दशा हुआ शांता खामोश था, अपनी ही चेतना और वासना में था।
जीने का कोई होश नहीं और मर जाने का कोई गम नहीं अपनी लड़ाई का नतीजा स्वीकार कर लिया था कि हार तो हो ही गई है।
अब किस बात की पुकार देना किसी को?क्या अब यही अंत है?बर्फ और दस्ती गई वक्त में पीछे मुड गया ओर देखा जब मैं उस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था और तेजी से आगे बढ़ रहा था।
अचानक साए साए करती हुई हवाई।बर्फीले पहाड़ की बर्फ को चीरती हुई।मेरी तरफ मुड़ गई थी।अब दो ही रास्ते और मंजिल नजर आ रहे थी।वापस लौट जाऊं या फिर आगे बढ़ जाऊं?
#WritcoStoryPrompt115
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1000 सालों पीछे मेक बर्फीले पहाड़ के नीचे दशा हुआ शांता खामोश था, अपनी ही चेतना और वासना में था।
जीने का कोई होश नहीं और मर जाने का कोई गम नहीं अपनी लड़ाई का नतीजा स्वीकार कर लिया था कि हार तो हो ही गई है।
अब किस बात की पुकार देना किसी को?क्या अब यही अंत है?बर्फ और दस्ती गई वक्त में पीछे मुड गया ओर देखा जब मैं उस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था और तेजी से आगे बढ़ रहा था।
अचानक साए साए करती हुई हवाई।बर्फीले पहाड़ की बर्फ को चीरती हुई।मेरी तरफ मुड़ गई थी।अब दो ही रास्ते और मंजिल नजर आ रहे थी।वापस लौट जाऊं या फिर आगे बढ़ जाऊं?
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