मेरी ट्रेन की प्रेम यात्रा भाग। एक
गाड़ी की सिटी बज चुकी थी अगला स्टेशन छतरपुर आने वाला मै और मेरी चाची रुद्रपुर के लिए निकले थे ।
जरासल चाची की मां की तबियत अचानक से खराब हो गई थी जिस कारण उन्हें गाव आना पड़ा था अब मै इनको लेकर वापस जा रहा था।
अचानक से गाड़ी रुकी और रुकते ही एक सांवली सी लड़की दरवाजे पर खड़ी हो गई
क्योंकि भीड़ काफी होने के कारण उसे खड़ा है रहना पड़ा तकरीबन एक घंटे बाद टी टी साहब आए रिजर्वेशन बोगी में भी इतनी भीड़ के चलते क्या करते बेचारे उन्होंने भीड़ से निकलना ही ठीक समझा।
धीरे धीरे अपने अपने स्थान पर लोग उतरते गए ।भीड़ भी कम होती...
जरासल चाची की मां की तबियत अचानक से खराब हो गई थी जिस कारण उन्हें गाव आना पड़ा था अब मै इनको लेकर वापस जा रहा था।
अचानक से गाड़ी रुकी और रुकते ही एक सांवली सी लड़की दरवाजे पर खड़ी हो गई
क्योंकि भीड़ काफी होने के कारण उसे खड़ा है रहना पड़ा तकरीबन एक घंटे बाद टी टी साहब आए रिजर्वेशन बोगी में भी इतनी भीड़ के चलते क्या करते बेचारे उन्होंने भीड़ से निकलना ही ठीक समझा।
धीरे धीरे अपने अपने स्थान पर लोग उतरते गए ।भीड़ भी कम होती...